खास बातें
- भारत कोविड-19 को आइसोलेट करने वाला पांचवा देश बना
- अब दवा बनाना और उसकी टेस्टिंग करना होगा आसान
- कोरोना का आइसोलेशन मुश्किल था
- अब तक 5000 से ज्यादा लोगों की मौत, 1.35 लाख से भी अधिक इससे संक्रमित हैं
नई दिल्ली : भारत ऐसा पांचवां देश बन चुका है, जिसने कोविड-19 के वायरस को आइसोलेट करने में सफलता हासिल कर ली है। इससे पहले चीन, जापान, थाईलैंड और अमेरिका वायरस को आइसोलेट करने में कामयाबी हासिल कर चुके हैं।
आइसोलेट करना बड़ी कामयाबी
ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के वैज्ञानिक रमन गंगाखेड़कर ने कहा कि कोरोना वायरस आसानी से आइसोलेशन में नहीं आता है. ऐसे में इसे आइसोलेट करने में कामयाबी हासिल कर लेना बड़ी सफलता है. आगे उन्होंने बताया कि अब इसका दवा बनाना और उसकी टेस्टिंग करना आसान हो जाएगा, क्योंकि हर दवा की टेस्टिंग के लिए उस विषाणु की जरूरत होती है, जिसके खिलाफ दवा बनाई जाती है.
आइसोलेट किए वायरस वुहान जैसे
डॉक्टर आर आर गंगाखेड़कर बताते हैं कि गले और नाक से लिए गए कुल 21 सैंपल की जांच की गई, जिसके बाद ये सफलता मिली है। इसमें 11 टेस्ट पॉजिटिव आए, जिनमें से वायरस के 8 स्ट्रेन को आइसोलेट करने में सफलता मिली। उन्होंने बताया कि ये वायरस 99.98 फीसदी बिल्कुल वैसे हैं, जैसे चीन के वुहान से फैसले शुरू हुए थे.
मानव शरीर पर टेस्ट किये बिना बनेगा वैक्सीन
आसान भाषा में वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस का पूरा सैंपल मानव शरीर के बाहर रखने में सफलता मिल चुकी है. आईसीएमआर के ही डॉक्टर बलराम भार्गव भी कहते हैं कि यह बड़ी सफलता है, क्योंकि इससे दवा, वैक्सीन और टेस्टिंग किट बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना वायरस का आइसोलेशन मुश्किल था, क्योंकि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत ही कम है.
कोरोना का शुरुवात का पता चलेगा
आईसीएमआर के विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना वायरस के आइसोलेशन ये भी पता लगाना आसान हो जाएगा कि वो पैदा कैसे हुए और साथ ही उसकी बायोलॉजी भी समझ आएगी। बता दें कि अभी तक कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है, ना ही इसकी कोई वैक्सीन अब तक बन सकी है।
WHO का दावा, इबोला की दवा काम करेगी
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि इबोला के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा Remdesivir कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल की जा सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस के लिए vitro (टेस्ट ट्यूब में किया जाने वाला टेस्ट) और vivo (जीवित चीजों पर किया जाने वाला टेस्ट) का डेटा मौजूद है. चूहों पर किए गए टेस्ट के नतीजे भी संतोषजनक रहे हैं.
एचआईवी की दवा से कोविड-19 का इलाज !
जयपुर के सवाई मैन सिंह हॉस्पिटल में भर्ती कुछ मरीजों पर HIV के लिए इस्तेमाल किये जाने वाली लोपिनवीर (Lopinavir) और रिटोनवीर( Ritonavir) का ईस्ट।अल कोविड -19 के लिए किया गया है. हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है की इससे कितना फायदा होगा अभी कहा नहीं जा सकता.
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