बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. एक तरफ भाजपा के नेता सितंबर के दूसरे हफ्ते से बिहार का दौरा करेंगे तो वहीं कांग्रेस भी 1-21 सितंबर बिहार के लिए वर्चुएल रैलियां करेंगी. इस बीच नीतीश कुमार के अपने पुराने साथी शरद यादव के साथ तार जोड़ने की कवायद तेज हो गई हैं.
जेडीयू के कई नेता शरद यादव से संपर्क बनाए हुए हैं और उनकी पार्टी में वापसी की कोशिशें कर रहे हैं. हालांकि जे़डीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने शरद यादव की पार्टी में वापसी पर कुछ साफ नहीं कहा है लेकिन इशारों में कई बातें कह दी हैं. उन्होंने कहा कि शरद यादव समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता हैं लेकिन उनकी पार्टी में वापसी हो रही है, इस पर अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
राजीव रंजन ने कहा कि ये सब जानते हैं कि महागठबंधन में शरद यादव का दम घुंटता है और अगर ऐसी स्थिति में वो कोई फैसला लेते हैं तो इससे अचंभित होने की जरुरत नहीं है. बता दें कि शरद यादव महागठबंधन का हिस्सा हैं लेकिन आरजेडी की ओर से भी उन्हें खास तवज्जों नहीं दे रही है. ऐसे में शरद यादव की पार्टी में वापसी की संभावना बढ़ गई हैं.
बता दें कि साल 2018 में नीतीश कुमार के साथ राजनैतिक मनमुटाव के चलते शरद यादव ने पार्टी से अपना रुख कर लिया था और लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी एक अलग पार्टी बना ली थी. शरद यादव के अली अनवर और कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी.
पिछले कुछ दिनों से शरद यादव की तबीयत खराब चल रही है, उनका दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शरद यादव की तबीयत का हालचाल पूछने के लिए जे़डीयू पार्टी के कई बड़े नेताओं ने उनसे संपर्क किया है. इसी दौरान पार्टी के नेताओं ने उनसे पार्टी में वापसी की बात की है.
इसके अलावा नीतीश कुमार की नजर आरजेडी पार्टी के परंपरागत मतदाताओं पर है. आरजेडी के कई नेता हाल ही में जेडीयू में शामिल हुए हैं, जिसमें यादव और मुस्लिम विधायक शामिल हैं. शरद यादव के पार्टी में वापस आ जाने से नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव के परंपरागत वोटर्स यानि कि यादवों के वोट बैंक को अपनी ओर खींच सकते हैं.