पटनाः बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थान स्कूल, कॉलेज और कोचिंग को पांच से 11 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया है.
शिक्षक और कर्मी अपनी ड्यूटी के समय मौजूद रहेंगे और पहले से निर्धारित परीक्षाएं आवश्यकतानुसार कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए लिया जा सकेगा. वहीं, प्रशासन ने रामनवमी जुलूस पर भी रोक लगा दिया है. प्रशासन के इस निर्देश के बाद 21 अप्रैल को शाम में निकलने वाली रामनवमी शोभा यात्रा का आयोजन नहीं किया जायेगा.
यहां उल्लेखनीय है कि पटना में 14 साल से कम उम्र के 60 बच्चे पॉजिटिव पाये गये हैं. ये बच्चे हाल के दिनों में पॉजिटिव मिले हैं. ये वे बच्चे हैं जिनके परिवार के सदस्य भी पॉजिटिव हैं. हाल के दिनों में मिले संक्रमितों की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में अभी कोरोना संक्रमित बच्चों की संख्या बढ़ कर 60 हो गई है. पटना समेत राज्य भर में स्कूलों को बंद करने का फैसला इसी को देखते हुए किया गया है.
इसके पीछे कोशिश है कि बच्चों के बीच कोरोना नहीं फैले. पटना जिला प्रशासन बच्चों में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच और इससे मिले डाटा का अध्ययन कर रहा है. उधर, कोरोना को बढते प्रकोप को देखते हुए एम्स पटना के अस्पताल प्रशासन ने फिर से समिति संख्या में मरीजों को देखने और इलाज का निर्णय लिया है.
पटना एम्स के अस्पताल अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि कोरोना का फिर से प्रकोप बढ़ रहा है. इसे देखते हुए एम्स में अब फिर से सीमित संख्या में मरीजों को देखा जायेगा. हर रोज एम्स के प्रत्येक विभाग में 50 मरीजों को ही देखा जायेगा. इसको लेकर भी एप्वॉइंमेंट लेना होगा. यहां उल्लेखनीय है कि 19 मार्च को बिहार में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या महज 436 थी जो चार अप्रैल को बढ़कर 2942 हो गई है. 15 दिन में बिहार में 42 सौ से अधिक संक्रमित मिले हैं. नए संक्रमित मिलने के मामले में बिहार का देश में 15वां स्थान है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोरोना को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद हुई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि पांच से 11 अप्रैल तक शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के अलावा पांच से 30 अप्रैल तक सभी सार्वजनिक समारोहों (सरकारी व निजी) पर रोक लगायी गई है. शादी और श्राद्ध समारोहों को इसमें शामिल नहीं किया गया है. बल्कि, इसके लिए अधिकतम संख्या तय कर दी गई है. शादी समारोह में अधिकतम ढाई सौ और श्राद्ध में पचास से ज्यादा लोग उपस्थित नहीं होंगे.
वहीं, सरकारी दफ्तरों में सामान्य आगंतुकों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. 30 अप्रैल तक कार्यालय प्रमुख अपने विवेक से कार्यालय का समय और उपस्थिति निर्धारित कर सकेंगे. पांच से 15 अप्रैल तक किसी भी परिस्थिति में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पचास फीसदी से अधिक क्षमता को नहीं रहने दिया जायेगा. सार्वजनिक स्थलों पर जिला प्रशासन सूचित करेगा कि कोविड से सुरक्षात्मक उपाय जिसमें मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी आदि सुनिश्चित रहे.
सभी डीएम और एसपी को अपने जिलों में गृह मंत्रालय के कोविड 19 को लेकर जारी गाइडलाइन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दफ्तर, शापिंग माल, धार्मिक स्थल, होटल व रेस्टूरेंट आदि के संचालन के संबंध में जारी गाइडलाइन का कडाई से पालन कराने का निर्देश दिया गया है. भीड़ वाली जगहों जैसे फूड कोर्ट, होटल, जलपान गृह, सब्जी मंडी, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, रेहड़ी पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिक से अधिक पुलिस बल की तैनाती करने को कहा गया है.
यहां बता दें कि होली की छुट्टी और नये सत्र में अधिकतर स्कूल व शैक्षणिक संस्थानों ने पांच व छह अप्रैल से खोले जाने का निर्णय लिया था. इसके पहले राज्य में कोरोना महामारी के कारण बंद स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान और विश्वविद्यालयों को खोलने का निर्णय इस वर्ष जनवरी के आरंभ में लिया गया था.
आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में लिये गये निर्णय के बाद राज्य के नौवीं और उससे ऊपर के क्लास को खोलने का निर्णय चार जनवरी से लिया गया था. एक मार्च से राज्य के पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया था. लेकिन अब स्थिति विस्फोट होते देख एकबार फिर से कडाई करने का निर्णय लिया गया है.