पटना: नौकरी छोड़ बिहार में अपनी राजनीति चमकाने के लिए जदयू का हाथ थामने वाले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को इस बार चुनाव के लिए टिकट नहीं मिला है. गुप्तेश्वर पांडेय टिकट लेने की रेस में एक पूर्व सिपाही से मात खा गए. 16 दिन पहले यानि कि 22 सितंबर को गुप्तेश्वर पांडेय वीआरएस लेकर राजनीति में शामिल हो गए थे.
उस समय ऐसा माना जा रहा था कि जदयू पार्टी उन्हें बक्सर सीट से टिकट देगी लेकिन एनडीए गठबंधन के तहत यह सीट भाजपा के खाते में चली गई, और पार्टी ने पुलिस के पूर्व सिपाही परशुराम चतुर्वेदी को टिकट दे दिया. टिकट ना मिलने पर पूर्व डीजीपी हताश तो नजर नहीं आए लेकिन भावुक अंदाज में बस इतना ही बोल पाए कि राजनीति की कुछ मजबूरियां होती हैं, नीतीश किसी को ठगते नहीं हैं.
जैसे ही सरकार ने गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस को मंजूरी दी, वैसे ही पूर्व डीजीपी नए अवतार में नजर आने लगे. गुप्तेश्वर पांडेय वर्दी छोड़ कुर्ता पायजामा और बंडी पहनकर सोशल मीडिया पर नजर आने लगे. जैसे ही पूर्व डीजीपी जदयू में शामिल हुए तो उनके वीआरएस लेने की वजह और साफ हो गई.
हालांकि बक्सर सीट से पुलिस के पूर्व सिपाही परशुराम चतुर्वेदी को टिकट मिल गया. 1991 में परशुराम पुलिस की नौकरी में नियुक्त हुए और 1994 में नौकरी छोड़ भाजपा से जुड़ गए. बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय इससे पहले 2009 में भी राजनीति के लिए इस्तीफा दे चुके हैं.
तब सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और उन्हें वापस नौकरी करनी पड़ी. 11 साल बाद गुप्तेश्वर पांडेय एक बार फिर राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने आए लेकिन इस बार भी बात ना बन सकी.