लखनऊ: देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न राज्यों में फंसे दूसरे राज्यों के श्रमिकों को घर वापस लाने के लिए रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है. ट्रेन के किराए को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती और अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मजदूरों से कि टिकट के पैसे को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश ने इसे भाजपा के अंत की शुरुआत बताया है.
अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट किया, ”पूरे देश में भाजपाई ये कहते घूम रहे हैं कि सरकार ने मजदूरों से टिकट के पैसे नहीं लिए हैं, जबकि देशभर में बेबस मजदूर अपनी टिकट दिखा रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि अगर ये टिकट नहीं है तो क्या बंधक मजदूरों को छोड़ने पर ली गई फिरौती की सरकारी रसीद है.
गरीब विरोधी भाजपा का अंत शुरु.” इससे पहले अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर हमला करते हुए एक ट्वीट में कहा, असंवेदनशील केंद्र सरकार व रेलवे मुंबई के मजदूरों की ट्रेन चलाने की पुकार न जाने कब सुनेगी. संकट के समय मजदूर भावनात्मक रूप से अपने घर और घरवालों से दूरी महसूस कर रहे हैं. गुजरात में भी कई जगह अशांति है. उन्होंने कहा कि देशभर के मजदूरों को लग रहा है कि अब वो भाजपा सरकार के बंधक बन गए हैं.
मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ”यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र व राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए, उनसे किराया भी वसूल रही हैं. सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पाएंगी.
बीएसपी की यह मांग है.” एक अगले ट्वीट में मायावती ने कहा, ”ऐसी स्थिति में बीएसपी का यह भी कहना है यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बीएसपी अपने सामर्थवान लोगों से मदद लेकर, उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी.”