रांची: झाविमो की केन्द्रीय प्रवक्ता सुनीता सिंह ने कहा है कि संथाल परगना पर भाजपा की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है. रघुवर सरकार संथाल परगना को विस्थापितों का शहर बनाने पर आमादा है. सरकार एमओयू की आड़ में संथाल के वाशिंदों को गुमराह कर भविष्य की ऐसी योजना पर काम कर रही है जो जनता के लिए अहितकारी होगी. जेवीएम ने कहा है कि कोयला खनन क्षेत्रों में कई एमओयू हुए हैं.
पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा आदि क्षेत्रों में बड़े-बड़े कोयला परियोजना आने वाला है. यह सिक्के का एक पहलू है. दूसरा पहलू भयावह है. इससे लाखों घर बेघर होने वाले हैं, संथाल परगना में उनको अपने पुश्तैनी जमीन से उखाड़ फेंकने की तैयारी है. बड़ी-बड़ी जल परियोजना डैम का योजना बनाया गया है ताकि इन डैमों के पानी को खदानों और उद्योगों को दिया जा सके. इन परियोजनों और खनन के लिए हुए एमओयू में लाखों लोग विस्थापित होंगे.
कोल क्षेत्रों में पहले से हुए विस्थापितों को अब तक न्याय मिल ही नहीं सका है, इन नये विस्थापितों की सुध सरकार भला क्या लेगी? केन्द्रीय प्रवक्ता ने कहा कि बाबूलाल ही संथाल परगना के इन समस्याओं का वैज्ञानिक तरीके से समाधान करेंगे और आप लोगों को विस्थापित होने से बचाएंगे.
जेवीएम ने संथाल परगना की समस्या विस्थापन, पलायन, बेरोजगारी, भूखमरी, किसानों के कर्ज जैसे सवालों को अपने घोषणा-पत्र में जगह दी है इसलिए पांचवें चरण में होने वाले संथाल परगना की 16 सीटों पर जनता जरूर जेवीएम के पक्ष में मतदान करेगी और बाबूलाल को मुख्यमंत्री बनाएगी. बाबूलाल जी ही संथाल परगना में लोगों की जमीन की रक्षा कर सकते हैं.