हजारीबाग: पहले पूर्व सदर विधायक सौरभ नारायण सिंह के मीडिया प्रभारी, पार्टी के पूर्व जिला प्रवक्ता और अब भाजपा नेता दिनेश सिंह ने मुख्यमंत्री से जानमाल की गुहार लगाई है.
उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री जनसंवाद में आवेदन देकर व्यवसायी विजय कुमार अग्रवाल, लोहसिंगना पुलिस और सदर सीओ पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. बकौल दिनेश सिंह, मैं ओकनी राजा बंगला रोड हजारीबाग होल्डिंग-223 निवासी दिनेश कुमार सिंह, पिता: स्व. बूटन सिंह अपने परिवार के साथ वर्ष 1987 से रह रहा हूं. कागज के अनुसार मुझे मिली जमीन के दायरे में ही रह रहा हूं. मैंने कोई अतिक्रमण नहीं किया है. लेकिन वर्ष 2009-10 में मेरी जमीन के बगल में मशीन का गोदाम खोलनेवाले व्यवसायी विजय कुमार अग्रवाल जो खुद अतिक्रमणकारी है, उल्टा मुझे अतिक्रमणकारी बताकर एसडीओ कोर्ट में झूठा केस कर दिया, जिसकी परिवाद संख्या-751/17 है.
एसडीओ कोर्ट में भी मैंने जमीन संबंधी पूरे कागजात जमा किए हैं. नगर निगम में भी सभी कागज जमा हैं. व्यवसायी विजय अग्रवाल रसूखवाला है और पैसे के बल पर मुझपर काफी जुल्म ढा रहा है. चार दिन पूर्व भी मेरे घर में अपने गुर्गों के साथ घुसकर मारपीट की और महिलाओं को गंदी-गंदी गालियां देते हुए बदसलूकी की. पिछले तीन साल से बार-बार कभी पुलिस, तो कभी नगर निगम कर्मी को बुलाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कराता रहा है. सच बात तो यह है कि उसने पुलिस, प्रशासन और नगर निगम को भी दिग्भ्रमित कर रखा है.
लोहसिंगना पुलिस रात-बिरात कभी आकर मेरे भाई को उठाकर ले जाती है, तो कभी मेरे घर की महिलाओं के साथ अभद्र आचरण करती है. कभी मुझे उठा लेने की बात करती है, तो कभी थाना बुलाकर धमकाती है. सारा कुछ विजय कुमार अग्रवाल के इशारे पर किया जा रहा है. कुछ साल पहले मेरा मेजर एक्सीडेंट हुआ था. मेरे ब्रेन का आपरेशन हुआ है. आए दिन मुझे दी जानेवाली मानसिक प्रताड़ना से मैं तंग आ चुका हूं. ऐसी परिस्थिति में मेरी जान भी जा सकती है. इसका जिम्मेवार भी विजय कुमार अग्रवाल और लोहसिंगना पुलिस ही होगी.
दरअसल गोदाम में सामान के लिए हमेशा विजय कुमार अग्रवाल के ट्रक की आवाजाही होती है. ट्रक घुमाने में उसे परेशानी होती है इसीलिए वह मेरी जमीन को सार्वजनिक बताकर परेशानी खड़ा करता रहता है ताकि ट्रक के लिए उसे पर्याप्त भूमि मिल जाय. कई बार की तरह दिनांक: 22.11.2019 की रात करीब 7.30 बजे अचानक अपने गुर्गो से मेरी अपनी जमीन पर बनी गोशाला को ध्वस्त करवा दिया. रोकने गया तो झूठे केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी. पिछले दिनों मेरी गौशाला में एक गाय मर गयी. मुझे संदेह है कि विजय कुमार अग्रवाल ने ही जहर खिलाकर उसे मार दिया. वहीं मेरी गाय को बासी रोटी लाकर देता था.
अत: श्रीमान से निवेदन है कि मेरी जान-माल की रक्षा की जाय और गाय की हुई मौत के मामले में भी निष्पक्षता से जांच करायी जाय. जहां तक गली में अतिक्रमण की बात है, तो शुरू से इस सड़क के चौड़ीकरण को देखा भी जा सकता है कि मैंने कहां अतिक्रमण किया है. जमीन मामले में वह भी तब, जब मामला एसडीओ कोर्ट में विचाराधीन हो, तो पुलिस की भूमिका समझ के परे है. लोहसिंगना पुलिस और सदर सीओ मेरे घर पर आकर धमकाते हैं और सदर एसडीओ के मौखिक आदेश का हवाला देते हुए कार्रवाई करते हैं. मैंने लोहसिंगना थाना में आवेदन भी दिया, उसकी रिसिविंग भी नहीं दी गयी और विजय कुमार अग्रवाल पर कार्रवाई की जगह उल्टा मुझपर ही कार्रवाई करती है. मेरा पूरा परिवार खौफ के साये में जी रहा है कि पता नहीं कब पुलिस किसे उठा ले. बिना वारंट के पुलिस मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को उठा लेती है और बिना आदेश पत्र दिखाए मेरी जमीन पर बने गौशाला को सदर सीओ ध्वस्त करा देते हैं.
विजय अग्रवाल कहता है कि एसडीओ, सीओ, पुलिस सभी को मैं पाकेट में रखता हूं. मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. तुम्हें और तुम्हारे पूरे परिवार को मैं बर्बाद कर दूंगा. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यथोचित कार्रवाई का भरोसा श्रीमान से रखता हूं.
पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, झारखंड सरकार, मानवाधिकार आयोग, झारखंड/नई दिल्ली
डीजीपी झारखंड, आयुक्त उछोप्र. हजारीबाग, डीआईजी उछोप्र. हजारीबाग, उपायुक्त, हजारीबाग पुलिस अधीक्षक हजारीबाग, सदर एसडीओ, हजारीबाग आयुक्त, उपायुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी नगर निगम हजारीबाग और लोहसिंगना थाना, हजारीबाग को भी दी गयी है.