जमशेदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय जमशेदपुर के बिरसानगर थाना क्षेत्र में रहने वाले बीजेपी नेता सह अधिवक्ता प्रकाश यादव हत्याकांड का उद्भेदन कर लिया है. पुलिस का दावा है कि राजनीतिक कारणों से इस घटना को अंजाम नहीं दिया गया, बल्कि आपसी दुश्मनी को लेकर घटना को अंजाम दिया था.
वरीय पुलिस अधीक्षक एम.तमिल वानन ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हत्या की घटना सामने आने के तुरंत बाद सिटी एसी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गयी. उन्होंने बताया कि प्रकाश यादव को रास्ते से हटाने के लिए जमीन कारोबारी अमूल्य कर्मकार ने तीन लाख रुपये की सुपारी दी थी और एडवांस के तौर पर 20 हजार रुपये भी दिये गये. अपराधियों ने घटना को अंजाम देने के पहले रॉड से मार कर उसे घायल कर दिया और फिर चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी गयी. उन्होंने बताया कि हत्या में प्रयुक्त सामानों को जब्त किया गया है. वहीं आरोपियों को स्पीड ट्रायल के माध्यम से जल्द से जल्द सजा दिलाने का प्रयास करेंगे.
पुलिस ने इस सिलसिले में अमूल्य कर्मकार के अलावा शूटर राम रविदास उर्फ छुटकू तथा विश्वनाथ मुंडा उर्फ जीतू को भी गिरफ्तार कर लिया गया. सभी बिरसानगर और आसपास के इलाके के रहने वाले हैं. पुलिस ने उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त लोहे का पाइप, घटना के समय आरोपियों द्वारा पहना गया कपड़, हत्या के लिए एडवांस के तौर पर दी गई सुपारी की रकम 19900 और अमूल्य कर्मकार का मोबाइल जब्त कर लिया है.बताया गया है कि आरोपियों ने घटना को अंजाम देने के बाद खून लगे कपड़े को जलाने की कोशिश की थी, पुलिस ने उस कपड़े को अर्द्ध जले हालत में जब्त कर लिया है.
पुलिसिया पूछताछ में बताया गया है कि अमूल्य कर्मकार का कहना है कि जब भी वह कोई जमीन की खरीद-बिक्री करता था, तो वह अधिवक्ता उस मामले में अड़ंगा लगाने की कोशिश करता था और हिस्सेदारी की मांग करता था. इसलिए रास्ते से हटाने के लिए उन लोगों ने मिलकर उसकी हत्या की.
गौरतलब है कि मंगलवार रात करीब 10ः30 बजे बिरसा नगर थाना अंतर्गत जोन नंबर 11 हरी मंदिर के पास 40 वर्षीय अधिवक्ता प्रकाश यादव की धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी गई थी.