इटावा: बसरेहर ब्लॉक के विभिन्न गांवों से दर्जनों लोग जिला कलेक्ट्रेट में जमा हुए. इसमें बहादुरपुर लोहराई और परौली रामायण के लोग भी शामिल थे. बसरेहर ब्लॉक के चित्रगुप्त जगन्नाथ मंदिर बहादुरपुर लोहिया का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंदिर से जुड़ी करीब 30 बीघा जमीन और मंदिर के कब्जे के लिए दोनों पक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. दोनों पक्ष मंदिर और 30 बीघा जमीन पर कब्जा करने की बात कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक पक्ष ने भाजपा के जसवंतनगर विधानसभा के अध्यक्ष और नारायणी सेना के अध्यक्ष मनीष यादव पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह के काम फर्जी दस्तावेजों और प्रशासनिक मिलीभगत से किए जा रहे हैं.
दूसरी ओर, परौली रामायण में कुछ परिवारों ने आरोप लगाया है कि मनीष यादव ने अपनी कृषि भूमि के लगभग 50 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया है. वे कहते हैं कि हमारी जमीन हमें दी जानी चाहिए. सोमवार को प्रशासन के अधिकारियों ने आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.
बीजेपी नेता मनीष यादव उर्फ पतरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोपों से इनकार किया है. उनका कहना है कि राजनीतिक विरोधी जो हमारे खिलाफ साजिश भी कर रहे हैं. उनके द्वारा इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं.
बहादुरपुर लोहिया मंदिर पर बताया कि यह मंदिर सर्वांगीण महंत है और वह इसके नियंत्रण में है. साथ ही, इस पर भूमि भी उनके पुराने पूर्वज हैं. जिसे कुछ अराजक तत्वों ने अपने तरीके से नकली केला बनाकर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. वही लोग इस तरह के मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं.
उन्होंने परौली रामायण की गौशाला के बारे में बताया कि अगर ग्रामीणों ने उसकी जमीन पर गलत कब्जा कर लिया था, तो प्रशासनिक अधिकारियों ने दस्तावेजों के आधार पर इसे खाली कर दिया और इसे गौशाला बना दिया. गौशाला के लिए हरा चारा पैदा किया जाता है.
मनीष यादव ने उन आरोपों को नकारते हुए कहा कि विपक्ष को पता होना चाहिए कि हम 2022 के चुनाव में भी अपनी ताकत दिखाएंगे. उन्होंने टीवी चैनल पर वायरल वीडियो पर कहा कि वह 4 साल पुराना वीडियो है, उनका कोई सच नहीं है.