रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कोरोना वायरस कोविड-19 को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान पुलिस महानिदेशक एम.वी.राव पर सवाल उठाने वाले पूर्व मंत्री सह भाजपा विधायक सी.पी. सिंह और नगर निगम की महापौर आशा लकड़ा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि लॉकडाउन में जब भाजपा नेता घर में बंद होकर सिर्फ बयानबाजी कर अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में जुटे है, उस वक्त पुलिस महानिदेशक की पहल पर सभी थानों में सामुदायिक रसोई की व्यवस्था प्रारंभ होने से झारखंड पुलिस का एक ऐसा मानवीय चेहरा उभर कर सामने आया है, जिसकी पूरे देश में सराहना हो रही है.
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इसके अलावा पुलिस जरूरतमंद लोगों को गांव, गली-मुहल्लों तक पहुंच कर उन्हें भोजन एवं अनाज का पैकेट का भी उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस अफवाह को फैलने पर जब अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है, तो ऐसे समय में भाजपा नेताओं ने झारखंड पुलिस पर ही निशाना साधना प्रारंभ कर दिया है. भाजपा की यह कोशिश सांप्रदायिक सौहार्द पर प्रहार कर अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करना है, इसी कारण डीजीपी को निशाना बनाने की कोशिश की गयी है.
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में जब राज्य के डीजीपी भाजपा के एजेंडे पर काम करते थे और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के स्वर में स्वर मिलाते थे, तो उन्हें अच्छा लगता था, लेकिन आज डीजीपी ने कौन सी ऐसी बात कर दी है, जो सरकार की भाषा है या सरकार का बचाव है. डीजीपी एमवी राव ने सिर्फ एक ऐसे अफवाह को रोकने में मदद की, जिसका कोई सिर-पैर नहीं था. इसके अलावा झारखंड पुलिस ने सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने वालों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाये है, जो सराहनीय प्रयास है.