रांची: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा है कि कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर उत्पन्न विश्वव्यापी महामारी के दौरान राज्य में विपक्षी दल के कुछ नेताओं ने बयान बहादुर बनकर अखबारों में सिर्फ अपनी फोटो छपवाने में ही खुद को सीमित कर लिया है जबकि हकीकत यह है कि मिस कॉल के आधार पर खुद को सबसे बड़ी पार्टी बताने वाले दल के प्रदेश मुख्यालय में ताला लटका है. हालांकि इस दल के कुछ नेता पशु आहार की तरह प्रतिदिन मोदी आहार बांटने का दावा जरूर कर रहे है, लेकिन जमीनी सच्चाई है कि संकट की घड़ी में पार्टी स्थापना दिवस पर भाजपा नेता अपने घरों में पार्टी नेताओं के चित्र पर माल्यार्पण कर और झंडा लगाकर अपने सामाजिक दायित्वों का निवर्हन करने में जुटे है. जबकि सामाजिक जीवन में कदम रखने वाले नेताओं-कार्यकर्त्ताओं से जनता को यह उम्मीद रहती है कि हर सुख-दुःख में उनका नेता उनके साथ रहेगा.
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प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि विश्वव्यापी महामारी के दौरान मुश्किल में फंसे जरूरतमंद और निर्धन परिवारों को इस वक्त मदद की बड़ी आवश्यकता है,ऐसे में सिर्फ पुलिस बलों, डाक्टरों और चिकित्सकों तथा सरकारी पदाधिकारियों के भरोसे जनता को छोड़ कर एक नेता द्वारा खुद को कमरे में बंद कर लिया जाना कितना उचित है, इसका जवाब आने वाले समय जनता द्वारा ही दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी नेता न सिर्फ खुद को सामाजिक सरोकार से दूर कर लिया है, बल्कि जो पुलिस पदाधिकारी, जवान और स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी और आवश्यक सेवा में लगे है, अनर्गल बयानबाजी कर उनके मनोबल को भी तोड़ने की कोशिश की जा रही है.
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