चाईबासा: झारखंड विधानसभा चुनाव में पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक बार फिर मोदी लहर काम ना आई और भारतीय जनता पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया.
जिले के 5 विधानसभा सीटों में से 4 सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूर्व की तरह कब्जा जमाया जबकि एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. चुनाव प्रचार के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास सहित केंद्र के कई मंत्रियों ने पश्चिमी सिंहभूम जिले में तूफानी दौरा कर जनता का वोट हासिल करने के लिए सभी हथकंडे अपनाए थे परंतु पश्चिमी सिंहभूम की जनता के ऊपर भारतीय जनता पार्टी का कोई भी मंत्र काम नहीं आया लिहाजा चाईबासा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी दीपक बिरुवा लगातार तीन बार जीत दर्ज कर हैट्रिक बनाई. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी एवं पूर्व भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी जेबी तुबिद को 26000 से अधिक मतों से शिकस्त देकर इतिहास बनाया.
इतना ही नहीं चक्रधरपुर विधानसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया था जिस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा चुनाव लड़ रहे थे. 6 माह पूर्व मोदी लहर के बावजूद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा से करारी शिकस्त पाने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा इस विधानसभा चुनाव में कोई सबक नहीं ली. लिहाजा झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी सुखराम उरांव से 12,000 से अधिक मतों से मुंह की खानी पड़ी.
मझगांव सीट पर किसी वजह से पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता बड़कुंवर गागराई को टिकट नहीं देकर 4 दिन पहले पार्टी में शामिल होने वाले भूपेंद्र पिंगुवा को मैदान में उतारा. भाजपा के इस रवैया से नाराज जनता ने एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी निरल पूर्ति पर भरोसा जताते हुए लगभग 47,000 से अधिक मतों से जिताया.
कोड़ा दंपति का गढ़ मानी जाने वाली जगन्नाथपुर विधानसभा सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी खाता नहीं खोल पाई. जिले में एकमात्र कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकु ने पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं सांसद गीता कोड़ा के आशीर्वाद से 11000 से अधिक मतों से जीत दर्ज की. जगन्नाथपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी तीसरे नंबर पर रही.
मनोहरपुर विधानसभा सीट पर विधायक जोबा मांझी ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गुरुचरण नायक को 16 हजार से अधिक मतों से हराकर लगातार दूसरी बार विधायक बनने में सफल रही.