बीजेपी के विधायकों के अलावा अनुभवी पूर्व विधायकों को भी मिलेगी जगह
रांची: इंग्लैंड की राजनीतिक व्यवस्था की तर्ज पर झारखंड में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य सरकार के कामकाज पर निगरानी के लिए शैडो कैबिनेट (छाया मंत्रिमंडल) गठन की योजना बनायी है. भारत में इस तरह की व्यवस्था की कोई को संवैधानिक महत्ता प्राप्त नहीं है, लेकिन बीजेपी का मानना है कि इस तरह से राज्य सरकार के हर विभागों के कामकाज पर पार्टी कड़ी नजर रख सकेगी और जनसमस्याओं के समाधान को लेकर सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश दे पाएगी.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने बताया कि छाया मंत्रिमंडल के तहत पार्टी विधायकों के बीच विभागों का बंटवारा होगा. उन्होंने बताया कि जरूरी नहीं है कि एक ही विधायक को एक विभाग की जिम्मेवारी मिली, दो या तीन विधायकों को भी एक विभाग की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है.
दीपक प्रकाश की अध्यक्षता में पिछले दिनों प्रदेश कार्यसमिति की हुई पहली बैठक में इस दिशा में पार्टी नेतृत्व की ओर से काम करने का निर्देश दिया गया है. बताया गया है कि छाया मंत्रिमंडल में कुछ अनुभवी पूर्व विधायकों को भी शामिल किया जा सकता है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और रांची के विधायक सीपी सिंह का भी मानना है कि इस तरह के प्रयास से एक ओर जहां विभिन्न विभागों के कार्यां को देखने वाले पार्टी विधायकों को उस विभाग के बारे में पूरी महारत हासिल कर लेंगे, बल्कि जब वे संबंधित विभाग की ओर से सुझाव देंगे, तो उनका सुझाव काफी अहम होगा. साथ ही जनसमस्याओं के समाधान में पार्टी इन विधायकों के सुझाव पर आंदोलनात्मक कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय पाएगी.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इंग्लैंड में छाया मंत्रिमंडल की परंपरा काफी पुरानी रही है. ब्रिटेन में मुख्य मंत्रिमंडल के अलावा यह भी व्यवस्था रही है, जिससे नये सदस्यों को मंत्री के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है, सरकार के कामकाज का अनुभव हासिल करते है. बताया जाता है कि वहां छाया मंत्रिमंडल के सदस्य संबंधित विभाग के मंत्रियों के साथ भी लगातार कई बैठक करते है, जिससे संसदीय कार्यों को बेहतर तरीके से लागू करने में काफी मदद मिलती है, वहीं विपक्षी दलों के सदस्यों से बातचीत कर गतिरोध को भी दूर करने की कोशिश होती है.