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राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर डिबेट करें मंत्री, भ्रम हो जायेगी दूर : कुणाल षाड़ंगी
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शिक्षा मंत्री का बयान अव्यवहारिक और जानकारी की कमी का द्योतक : कुणाल षाड़ंगी
रांची: भारतीय जनता पार्टी ने सूबे के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राज्य में नहीं लागू होने देने की बात कही थी. शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इस आशय पर झारखंड सरकार के मंत्री के बयान को अव्यवहारिक बताते हुए पलटवार किया.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षा मंत्री का यह बयान निराशाजनक और जानकारी का अभाव दर्शाता है. कहा कि वे देश के पहले शिक्षा मंत्री हैं जिन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राज्य में लागू नहीं होने देने की बात कही है. भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि महज विरोध और राजनीतिक एजेंडों की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार की सर्वहितकारी नीतियों का विरोध नहीं होनी चाहिए.
भाजपा ने शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो पर जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाते हुए उन्हें माफ़ी मांगने को कहा है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा मंत्री को जानकारी का अभाव है. वे स्वयं भ्रम की स्थिति में हैं और जनता को गुमराह कर रहें है. भाजपा ने कहा कि एक नीति जो देशभर के दो लाख से अधिक शिक्षाविद और विशेषज्ञों से प्राप्त विचार और महत्व के आधार पर तैयार की गई है, जिसे आज समूचा विश्व और देश के कई विपक्षी दलों ने भी सराहा है.
इसका विरोध झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की बौद्धिक क्षमता पर प्रश्नचिन्ह खड़ी कर रही है. भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि शिक्षा मंत्री का बयान अव्यवहारिक है और जानकारी की कमी साफ झलक रही है. पारा शिक्षकों को हटाने जैसी कोई बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नहीं है जिसे लेकर शिक्षा मंत्री राज्य में भ्रम फैला रहे हैं.
वहीं गांव के बच्चों को लेकर एनईपी में विशेष फ़ोकस है. ग्रामीण बच्चों को ही ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय भाषा को अनिवार्य रूप से महत्व देने का प्रावधान किया गया है जो अभिनंदनीय है. वहीं शिक्षकों को भी क्षेत्रीय भाषाएं सीखनी होगी ताकि बच्चों का ज्ञानवर्धन संभव हो.
भाजपा ने राज्य के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें शायद जानकारी का अभाव है कि गाँव केवल झारखंड में नहीं बल्कि पूरे देश के सभी राज्यों में है, और सभी राज्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सहमति जताते हुए इसका स्वागत किया है. भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि शिक्षा मंत्री इस विषय पर डिबेट करने के लिए सदैव आमंत्रित हैं, ताकि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर सारे भ्रम दूर हो सके.