रांचीः बीजेपी के टिकट बंटवारे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि सरकार के साथ कदमताल करने वाले और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होकर सरकार में अपनी बात रखने वाले का ही टिकट होल्ड में रख दिया गया है. चर्चा इस बात की भी हो रही है कि जिन सीटिंग विधायकों का टिकट कटा, उसका मापदंड क्या था.
छत्तरपुर से बीजेपी विधायक सह सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने आजसू का दामन थाम लिया. हालांकि राधाकृष्ण किशोर कई दलों में रहे हैं. कांग्रेस और जदयू से भी किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन बीजेपी में वे सेट हो चुके थे. विधायक दल की बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग की भी जिम्मेवारी उन्हें ही सौंपी जाती थी. विधानसभा की कार्यवाही के दौरान वे हमेशा सक्रिए रहते थे. कई अहम मुद्दों व संवैधानिक पहलुओं से सदन को अवगत भी कराते थे.
मंत्री सरयू राय का टिकट भी होल्ड-
सरयू राय ने दवा घोटाले को उजागर किया था, उस केस में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही पूरी तरह से घिर गए थे. आरोपों की वजह से भानू प्रताप शाहीजेल की सजा भी काटनी पड़ी. हाल में उन्होंने अपनी पार्टी नौजवान संघर्ष मोर्चा का विलय बीजेपी में कर दिया. बीजेपी का दामन थामते ही उनका टिकट भी पक्का हो गया. अब वे बीजेपी के टिकट से भवनाथपुर से चुनाव भी लड़ेंगे. वहीं भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले वर्तमान खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय का टिकट होल्ड में हैं.
आरोपों से घिरे रहने के वावजूद भी मिला टिकट-
बीजेपी में कई लोगों को आरोपों में घिरे रहने के बावजूद टिकट मिला. जिसमें बाघमारा विधायक ढ़ुल्लू महतो का नाम भी शामिल है. ढुल्लू महतो पर कई संगीन आरोप लगे हैं. उनपर टाइगर फोर्स बनाकर राजनीति करने का भी आरोप है. उसी तरह पांकी से शशि भूषण मेहता को टिकट दिया गया है. वे हाल में ही झामुमो छोड़ बीजेपी में आए थे. बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करते वक्त प्रदेश कार्यालय में हंगामा भी हुआ था. उनपर भी हत्या सहित कई संगीन आरोप है.
इन हैवीवेट पर भी सस्पेंस बरकार-
स्पीकर सह सिसई विधायक दिनेश उरांव पर भी सस्पेंस बरकरार है. लगभग चार साल तक दल-बदल मामले की सुनवाई भी स्पीकर ने की. सदन की कार्यवाही को बेहतर ढ़ंग से चलाने का पूरा प्रयास भी किया, फिर भी उनका टिकट होल्ड में है. इसी तरह संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा का भी टिकट होल्ड में है. वजह यह बताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव के दौरान वे अपने क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार को बहुत ज्यादा लीड नहीं दिला सके थे.
डीएनए टेस्ट प्रकरण में शामिल को भी टिकट-
नाला से एक बार फिर सत्यानंद झा बाटुल को बीजेपी ने टिकट दिया है. उन पर पारा शिक्षिका सोनी देवी ने आरोप लगाया है वे ही उनके बच्चे के पिता है. सोनी देवी ने कोर्ट में डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है. झारखंड में डीएनए टेस्ट प्रकरण काफी चर्चा में रहा था.