रांची: रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, झारखंड थैलीसीमिया फाउंडेशन एवं लायंस क्लब रांची के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग में सदर अस्पताल के सहयोग से “रक्तदान शिविर” का आयोजन किया गया.
जिसका उद्धघाटन रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश कुमार पाण्डेय एवं प्रतिकुलपति डॉ कामिनी कुमार ने किया. रक्तदान शिविर के दरम्यान कुलपति डॉ रमेश कुमार पाण्डेय ने स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में छात्रों से रक्त दान करने हेतु सीधा संवाद किया.
उन्होंने कहा कि रक्तदान करना सभी के लिए महत्वपूर्ण है इससे दूसरे का जीवन बचता है एवं स्वयं के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है. संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ डी एन ओझा ने किया.
इस अवसर पर कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ राम प्रवेश प्रसाद सिंह ने कहा कि रक्तदान करने के बाद रक्तदाता को अच्छी अनुभूति होती है एवं नियमित रक्तदान करने से कई प्रकार के बीमारियों से बचा जा सकता है.
दूसरा संवाद कार्यक्रम स्नातकोत्तर टी आर एल विभाग में छात्र – छात्राओं के बीच किया गया जिसमें रांची विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि थैलीसीमिया से ग्रसित बच्चों को वास्तव में बहुत रक्त की जरूरत पड़ती है, इसके लिए सभी को रक्तदान करनी चाहिए.
संवाद कार्यक्रम में डी एस डब्लयू डॉ पी के वर्म , सोशल साइंस के पूर्व डीन डॉ आई के चौधरी, वाणिज्य संकाय के पूर्व डीन डॉ जी के श्रीवास्तव, डॉ पी के झा,डॉ एम एन जुबैरी, श्री अतुल गेरा, डॉ राजकुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
राष्ट्रीय सेवा योजना रांची विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने बताया कि आज के रक्तदान शिविर में कुल 115 छात्र – छात्राओं ने रक्तदान करने हेतु जांच कराया जिसमें केवल 21 ही रक्तदान हेतु फिट मिले और उन्होंने अपना रक्तदान किया.
आज कुल 21 यूनिट रक्त संग्रह किया गया. रक्तदान कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय सेवा योजना के टीम लीडर्स क्रमशः शुभम चौधरी, सुरेश भगत, शुभम गुप्ता, अभिषेक कुमार सिंह, रंभा कुमारी, दीपा कुमारी,राहुल कुमार, वंदना कुमारी आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा.