जम्मू: इश्क और मौत दोनों ही कातिल होती है आतंकी बुरहान के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. बुरहान के लिए उसका इश्क मौत का सबब बना. जिसने उसकी जान ले ली. अमूमन वह जंगलों में ही रहता था. वहीं उसने अपने ठिकाने बना रखे थे. सोशल मीडिया के जरिए वह बड़ी चतुराई से अपने नेटवर्क के साथ जुड़ा रहता था और सुरक्षाबलों की पकड़ में भी नहीं आता था. लेकिन ईद पर माशूका से मिलने की हसरत उसके लिए मौत का सबब बन गया.
बुरहान वानी की माशूका बचपन से ही उसके संपर्क में थी. आतंक के इस पोस्टर ब्वॉय के कई युवतियों से करीबी रिश्ते थे. बताते हैं कि बुरहान की माशूका ने वाट्सएप पर किसी और लड़की से उसे चैट करते हुए देख लिया था.
इस पर वह भड़क गई और उसने पुलिस को बुरहान के बारे में बता दिया. पुलिस को भी उसके आने की भनक पहले ही लग गई थी. हालांकि सुरक्षाबलों को पहली सूचना उसके साथी आतंकी और बॉडीगार्ड सरताज के बारे में मिली थी.
उनके पास इनपुट थे कि सरताज साये की तरह बुरहान के साथ रहता है, इसलिए उन्हें बुरहान के भी होने की पूरी उम्मीद थी. यह बात सच भी निकली. बाद में माशूका की मुखबिरी से एसओजी की सूचना और पुख्ता हो गई.
16 साल की उम्र में ही आतंकी बना बुरहान घाटी के पढ़े-लिखे युवाओं को बहकाकर आतंकी बना रहा था. फेसबुक पर भी बहुत सक्रिय था. सुरक्षाबलों के लिए मन में गहरी नफरत रखने वाला यह आतंकी 2010 में हिजबुल में शामिल हुआ था.
एक के बाद एक कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने के चलते यह जल्दी ही आतंक का आका बन गया. बुरहान शांत इलाकों में भी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की प्लानिंग करता था. सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर हथियार लूटना उसके ग्रुप का स्टाइल था. आतंक के मौजूदा दौर में यह कश्मीर का मोस्ट वांटेड आतंकी था.