रांचीः IFS (भारतीय वन सेवा) कैडर में एक बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है. मामला पीसीसीएफ हॉफ( प्रधान मुख्य वन संरक्षक, होड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स) से जुड़ा है. इसकी डीपीसी 17 फरवरी को हुई थी. बोर्ड के अध्यक्ष मुख्य सचिव होते हैं, जबकि सदस्य पीसीसीएफ हॉफ होते हैं.
PCCF हॉफ के लिए तीन नाम का रखे गए थे
बोर्ड की बैठक में पीसीसीएफ हॉफ के लिए तीन नाम रखे गए थे. इसमें 1984 बैच के लाल रत्नाकर सिंह के साथ 1986 बैच के शशिनंद कुलियार व प्रियेश वर्मा का नाम था. जानकारी के अनुसार इस बैठक में वरीय अफसर लाल रत्नाकर सिंह के नाम की अनुशंसा कर फाइल सीएमओ भेजी गई थी. इसके बाद 16 मार्च को सीएमओ ने कुछ क्वैरी कर फाइल वन विभाग को वापस कर दी.
45 दिनों तक फाइल को वन विभाग नें दबाए रखा
सीएमओ की क्वैरी का जवाब देने के बदले वन विभाग के अफसरों ने फाइल को 45 दिनों तक दबाए रखा. वजह यह भी थी कि 1984 बैच के अफसर लाल रत्नाकर सिंह को पीसीसीएफ हॉफ के पद पर प्रोन्नति देने से वंचित रखना. हालांकि लाल रत्नाकर सिंह 30 अप्रैल को रिटायर भी हो गए लेकिन वन विभाग में अब तक पीसीसीएफ हॉफ के पद पर किसी भी अफसर को प्रोन्नति नहीं दी गई है. अब तक यह पद प्रभार में चल रहा है. 1986 बैच के अफसर शशिनंद कुलियार पीसीसीएफ हॉफ के प्रभार में हैं.