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राफेल का भारत आना झारखंड के लिए विशेष गर्व की बात
रांची: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया बुधवार को अंबाला हवाईअड्डे पर पांच राफेल लड़ाकू विमान ग्रहण करेंगे और स्वागत करेंगे.
जेट विमानों ने सोमवार को फ्रांसीसी शहर बोर्डो में मेरिनैक एयर बेस से उड़ान भरी थी. बेड़े में तीन सिंगल सीटर और दो जुड़वा सीट वाले विमान शामिल हैं.
इन्हें भारतीय वायुसेना में इसके 17वें स्क्वाड्रन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा, जिसे अंबाला एयर बेस पर ‘गोल्डन एरो’ के रूप में भी जाना जाता है. राफेल का भारत आना झारखंड के लिए विशेष गर्व की बात साबित होगी.
दरअसल, कोडरमा जिले के सैनिक स्कूल तिलैया के पूर्ववर्ती छात्र रोहित कटारिया ही आज राफेल विमान को फ्रांस से भारत लेकर पहुंच रहे हैं. इसको लेकर सैनिक स्कूल तिलैया के छात्रों शिक्षकों एवं प्रशासनिक अधिकारियों में खुशी का माहौल है.
रोहित कटारिया 1992 में सैनिक स्कूल से पासआउट हुए थे. उनके पिता कर्नल सतवीर कटारिया उस वक्त आने के स्कूल के प्राचार्य हुआ करते थे.
रोहित मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. रोहित देश के उन चुनिंदा पायलटों में हैं जो दुर्लभ से दुर्लभ विमान को उड़ाने की क्षमता रखते हैं. राष्ट्रपति पुरस्कार शिक्षक धनंजय कुमार ने बताया कि रोहित शुरू से ही मेधावी छात्र थे और उनमें कुछ कर गुजरने की क्षमता थी.
उनकी सेना में जाने का शौक था पासआउट होने के बाद उन्होंने एनडीए ज्वाइन किया 7000 किलोमीटर फ्रॉम से लेकर राफेल लड़ाकू विमान आज लेकर रोहित भारत पहुंचेंगे. यह सैनिक स्कूल तिलैया के लिए गर्व का विषय है.
सैनिक स्कूल तिलैया के रजिस्ट्रार शेखर ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए मुझे जानकारी मिली है कि रोहित राफेल विमान लाने वाले पांच में चुनिंदा पायलटों में एक हैं. यह हम सैनिक स्कूल वालों के लिए गर्व का विषय है. उन्होंने इसके लिए रोहित को धन्यवाद दिया है.