नई दिल्लीः पाकिस्तान इन दिनों रेगिस्तानी टिड्डियों के आतंक से बेदम होता नजर आ रहा है. ये टिड्डियां फसलों को तेजी से नष्ट कर रही हैं. यही हाल रहा तो पाकिस्तान में भयंकर अन्न संकट उत्पन्न हो जाएगा. गौरतलब है करीब 7 महीने पहले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद भारत के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाने वाला पाकिस्तान रेगिस्तानी टिड्डियों से परेशान हो गया.
महंगाई की मार से जूझ रहे पाकिस्तान की हालत यह हो गई है कि वह अगर भारत से कीटनाशकों का आयात नहीं करेगा तो उसे खाने के भी लाले पड़ जाएंगे. पाकिस्तान अब टिड्डियों को खत्म करने वाले कीटनाशकों के भारत से आयात करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
भारत के खिलाफ लगातार तीखी बयानबाजी कर रहे इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तानी कैबिनेट की 18 फरवरी को बैठक बुलाई गई. माना जा रहा है कि इस बैठक में कीटनाशकों के आयात को मंजूरी दी जा सकती है. बता दें कि टिड्डियों के आतंक से जूझ रहे पाकिस्तान ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत में फसलों को सफाचट करने के बाद अब ये टिड्डियां पंजाब प्रांत की ओर बढ़ गई हैं.
पाकिस्तान सरकार का अनुमान है कि इस संकट से निपटने के लिए उसे 7.3 अरब पाकिस्तानी रुपयों को जरूरत होगी. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के 9 लाख हेक्टेयर जमीन पर टिड्डियों ने आतंक मचा रखा है. सिंध के किसानों के नेता जाहिद भुरगौरी कहते हैं कि टिड्डियों के हमले में 40 फीसदी फसल नष्ट हो गई है. गेहूं, कपास और टमाटर की फसलें बर्बाद हो गई हैं.
आटे के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की टिड्डियों ने समस्या कई गुना बढ़ा दी है. टिड्डियों से जारी इस जंग में अब जीत के लिए पाकिस्तान को भारत की मदद लेनी पड़ रही है. गौरतलब है कि टिड्डियों के आतंक से भारत के राजस्थान, गुजरात और पंजाब के कई जिले प्रभावित हैं. इसी वजह से दोनों देश इस साझा दुश्मन के खिलाफ मोर्चा लेने के लिए पिछले कुछ महीनों में पांच मीटिंग कर चुके हैं.
भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत आगे भी जारी रहेगी क्योंकि आशंका जताई गई है कि इस साल जून महीने से पिछले वर्ष से भी ज्यादा बड़े पैमाने पर टिड्डियों का हमला शुरू हो जाएगा. पिछले वर्ष राजस्थान और गुजरात के कुछ जिलों के किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा क्योंकि टिड्डियां उनकी खड़ी फसलों को चट कर गईं.
कृषि मंत्रालय के एक नोट में कहा गया है, ‘अनुमान यह भी है कि जून 2020 में मॉनसून आते ही भारत के 2 लाख स्क्वैयर मीट रेगिस्तानी इलाके में टिड्डियों का आक्रमण हो जाएगा. ये टिड्डियां ईरान के दक्षिणी-पूर्वी भाग, दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान और अफ्रीकी प्रायद्वीप हॉर्न ऑफ अफ्रीका से आएंगी.
यह आक्रमण पिछले से भी बड़े पैमाने पर हो सकता है. टिड्डियों से निपटने के लिए भारत में आधुनिकतम तकनीक से लैस 60 स्पेशलाइज्ड स्प्रेयर से फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा. इस काम में हेलिकॉप्टरों एवं ड्रोनों की मदद ली जाएगी.