नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अधीन आने वाली दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और एमटीएनएल क्षेत्रों का निजीकरण नहीं किया जाएगा. पिछले काफी समय से सोशल मीडिया पर यह चर्चा थी कि इन दूरसंचार कंपनियों का निजीकरण हो जाएगा. लेकिन केंद्रीय दूरसंचार राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी हालात में BSNL और MTNL का निजीकरण नहीं होगा.
दूरसंचार राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कल सदन में एक सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 2019 में (अप्रैल-दिसंबर) बीएसएनएल का घाटा बढ़कर 39 हजार 89 करोड़ रुपये हो गया है.
केंद्र सरकार घाटे में चल रही इन कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. पिछले साल बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए एक पैकेज की घोषणा की गई थी. साथ ही कर्मचारियों को स्वेछानिवृत्ति के लिए भी कहा गया था. इसके बाद लगभग BSNL के करीब 78,569 कर्मचारियों और MTNL के 14 हजार कर्मचारियों ने VRS लिया है. फलस्वरूप, कर्मचारियों की संख्या कम होने से कंपनी पर वित्तीय बोझ कम हो गया है.