ब्यूरो चीफ,
रांची: भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) का मोबाइल नेटवर्क पिछले पांच दिनों से खराब चल रहा है. बीएसएनएल के मोबाइल उपभोक्ताओं को इससे काफी परेशानी हो रही है. मोबाइल पर टावर नहीं रहने, कनेक्टिविटी की समस्या, कॉल ड्राप जैसी समस्याएं विकराल रूप ले रही हैं. राज्य भर में बीएसएनएल के 237 टेलीफोन एक्सचेंज हैं. केंद्र सरकार की तरफ से मोबाइल गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. बीएसएनएल के अलावा वोडाफोन, आइडिया, एयरटेल, जियो जैसे मोबाइल के बड़े प्लेयर्स हैं.
आईडिया और वोडाफोन के 3.34 करोड़ से अधिक उपभोक्ता बिहार और झारखंड में हैं. इसी प्रकार एयरटेल की भी यही स्थिति है. टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथोरिटी ऑफ इंडिया (ट्राइ) की मानें तो रांची और धनबाद में 4 जी की सेवाएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं. दूसरी मोबाइल यूर्जस कंपनियां भी तेजी से अपना ग्राफ बढ़ा रही हैं. रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग जैसे शहरों में मोबाइल कनेक्टिविटी काफी तेजी से बढ़ रही हैं.
ऑप्टिकल फाइबर पर आधारित है मोबाइल नेटवर्क
बीएसएनएल का मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ऑप्टिकल फाइबर पर आधारित है. यानी कहीं भी ऑप्टिकल फाइबर में गड़बड़ी आयी तो पूरा सिस्टम ही ध्वस्त हो जाता है. अन्य कंपनियां भी मोबाइल उपभोक्ताओं से बातचीत बीएसएनएल की इंटर यूजर सिस्टम से ही की जाती है.
क्या कहते हैं जीएम मोबाइल
बीएसएनएल के महाप्रबंधक मोबाइल सुजीत कुमार का कहना है कि हमें किसी तरह के नेटवर्किंग की समस्या की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि कोई स्पेशिफिक जगह पर मोबाइल की नेटवर्किंग की समस्या हो सकती है. पूरे शहर में नेटवर्किंग की समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि 2005-06 में बेहतर नेटवर्किंग के लिए रांची शहर में डक्ट बनाया गया था. इसमें ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया था, ताकि गलती तुरंत सुधारा जा सके.