नई दिल्ली: शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ आषाढ़ पूर्णिमा को धर्म चक्र दिवस के रूप में मनाएगा. कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय की देखरेख में आयोजित किया गया है.
महात्मा बुद्ध ने अपनी मृत्यु के दिन से पहले पांच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था. दुनिया भर के बौद्ध हर साल इसे धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते हैं.
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस का उद्घाटन किया. इस अवसर पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को सम्मान देना सिखाता है. लोगों का सम्मान, गरीबों का सम्मान, महिलाओं का सम्मान. शांति और अहिंसा का सम्मान. इसीलिए बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रासंगिक है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपने पहले उपदेश में और बाद के दिनों में दो चीजों, आशा और उद्देश्य के बारे में भी बात की. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने इन दोनों के बीच एक मजबूत संबंध देखा, क्योंकि आशा से उद्देश्य बनता है.
पीएम मोदी ने कहा कि एक तेज-तर्रार युवा दिमाग वैश्विक समस्याओं का समाधान ला रहा है. भारत में सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इको-सिस्टम है. पीएम मोदी ने युवाओं से बुद्ध के विचारों से जुड़ने की अपील की. युवाओं को खुद उनके साथ मकसद रखना चाहिए और दूसरों को आगे का रास्ता दिखाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आज दुनिया कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है. इन सभी चुनौतियों को गौतम बुद्ध के विचारों से हल किया जा सकता है. वे पहले भी प्रासंगिक थे. अभी भी हैं और आगे भी रहेंगे.