• लाकडाउन में प्राइवेट स्कूल बंद, फिर भी बच्चों के मांगे जा रहे फीस
• शिक्षामंत्री के ब्यान की फिक्र नहीं, अभिभावक ने बयां की अपनी पीड़ा
कोडरमा: लॉकडाउन पीरियड में सभी स्कूल बंद हैं, लेकिन बच्चों की फीस मांगी जाने लगी है. जबकि झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने पिछले दिनों समाचार पत्रों के माध्यम से सूबे के प्राइवेट स्कूलों को यह निर्देश दिया था इस लॉकडाउन की स्थिति में कोई भी निजी स्कूल ट्यूशन फीस और बस का किराया अभिभावकों से वसूल नहीं करेंगे. ऐसा करते पाए जाने पर उन पर कार्रवाई भी हो सकती है लेकिन उनके आदेश का पूर्ण रूप से पालन नहीं हो रहा है.
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झुमरीतिलैया स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के एक अभिभावक झुमरीतिलैया निवासी विजय यादव को स्कूल प्रबंधन की ओर से स्कूल की फीस ऑनलाइन भुगतान करने का एक मैसेज भेजा गया.
अभिभावक क्या करें. इस लाकडाउन के कारण सारे कारोबार बंद पड़े हैं. आय का जरिया बंद है. अभी जहां एक वक्त की रोटी कमाना दुश्वार हो गया है, इस चिंता में परिवार के सभी लोग दुखी हैं, ऊपर से जान का खतरा अलग. वह इस भयावह स्थिति में स्कूल की फीस कैसे जमा कर पाएंगे.
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कहते हैं देश का भविष्य बच्चों के कंधो पर होता है. ऐसी स्थिति में परिवार टूटेंगे, देश का भविष्य इन बच्चों के कंधों पर है. क्या यह संदेश किताबों के पन्नों में ही सिमट कर रह जाएंगे या फिर बच्चों के समक्ष कहे गए उच्च बोल सिर्फ बोल बनकर ही रह जाएंगे. इनका भविष्य अब आपके हाथों में है.
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शिक्षा मंत्री झारखंड सरकार से यह अभिभावकों की प्रार्थना है कि इस स्थिति में स्कूल फीस के रूप में बढ़ रहे अतिरिक्त बोझ से मुक्त करने का प्रयास किया जाए।