मोकिम अंसारी,
हजारीबाग: सिमरिया प्रखंड के बगरा रोड स्थित कब्रिस्तान मैदान में सोमवार को देश बचाव संविधान बचाओ मंच के द्वारा सीएए, एनआरसी और एनपीआर तथा काला कानून के विरोध में जन महासभा का आयोजन किया गया. महासभा का नेतृत्व एटक नेता विनोद बिहारी पासवान ने किया. जबकि संचालन मौलाना अब्दुल वाजिद चतुर्वेदी ने की. विनोद बिहारी पासवान ने कहा कि देश आजाद हुए 71 वर्ष हो गए. 60 वर्ष मुल्क चलाने वाले इस तरह का काला कानून नहीं लाए थे. लेकिन 10 वर्ष के अंदर मोदी सरकार ने सीएए, एनआरसी एनपीआर जैसे काला कानून बना दिया.
यह सरकार देश के आम नागरिकों का अधिकार छीनने का काम कर रही है. इस सरकार में बड़े-बड़े कल कारखाने बंद हो रहे हैं साथ हीं बहुत व्यक्ति बेरोजगार हो गए हैं जिससे यहां के लोग बेरोजगार होकर घूम रहे हैं. कई कम्पनियां बंद हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस काले कानून का विरोध हम सब हिन्दू मुस्लिम मिलकर जमकर किया जाएगा. काले कानून को खारिज के लिए जनता एकजुट हो गए हैं. यह कानून केवल मुसलमानों के लिए नहीं है. सलीम अख्तर ने कहा कि 2019 एक्ट कानून से हमारे देश में खुशहाली नहीं है. चारों ओर हाहाकार मची हुई है. मोदी सरकार कानून का इस्तेमाल नहीं कर अपनी पावर दिखा रहे हैं.
सरकार देश को विकास से भटका कर इस तरह काले कानून लाकर आपस में लड़वा कर सत्ता पर काबिज रहना चाहती है. वहीं अशोक कुमार यादव ने कहा कि असम में 19 लाख लोगों को भारत के नागरिकता से बेदखल कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बांग्लादेश के हिंदुओं को नागरिकता देने और मुसलमानों को नागरिकता नहीं देने की बात कहते हैं. जब देश आजाद हुआ था तो लोग जश्न मना रहे थे. और आरएसएस के लोग काला दिन मना रहे थे. यह सरकार गरीबों और किसानों से जमीन लूटकर पूंजीपतियों के हाथों बेच रहा है.
भीम आर्मी के लोकेश कुमार आनंद ने कहा कि इस काला कानून के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी. और इस कानून का विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हिंदू मुस्लिम जाति की नहीं है. सिर्फ संविधान और देश बचाओ की है. इस लड़ाई को हम लोग मजबूती के साथ लड़ेंगे. सिमरिया चतरा व झारखण्ड में इस कानून को लागू नहीं होने देंगे. यह संघर्ष और इंसानियत की लड़ाई है. जब जब देश की माता बहनों ने कमर कसा है तब तब सरकार को झुकना पड़ा है. यह लड़ाई तब तक लड़ेंगे जब तक सरकार को उखाड़ कर फेंक नहीं देंगे.
उन्होंने कहां की दादा लड़े थे गोरों से हम लड़ेंगे चोरों से. उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक की लड़ाई पीएम और तड़ीपार से है. उन्होंने पीएम मोदी से किए गए वादे के अनुसार हर गरीब के खाते में 15 लाख और दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग करते हैं. मनोज चंद्रा ने कहा कि पहले संविधान बचाव तभी देश बचेगा. संविधान के साथ छेड़छाड़ कर नई कानून बनाना संविधान के खिलाफ है. महासभा को कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रमोद दुबे, अख्तर हुसैन मोबिन अंसारी कारी अमानुल्लाह और एकरामुल हक ने भी संबोधन किएकार्यक्रम के अंत में इस काला कानून के विरोध में उपस्थित लोगों को लड़ाई लड़ने के लिए संकल्पित किया गया.और कहा यह प्रदर्शन अभी खत्म नहीं हुई है, आगे इस तरह के काला कानून व आरक्षण के मुद्दे पर हम सब मिल कर इसी तरह की लड़ाई जारी रखेंगे.
जब तक तड़ीपार सरकार को देश से बाहर नहीं भेज देते. कार्यक्रम को लेकर सिमरिया पुलिस हर चौक चौराहे पर तैनात दिखी. हर आते जाते लोगों पर निगेबानी कर रहे थे. मौके पर मो फारुख, गुड्डू आलम, पप्पू रजा, जलालुद्दीन,मो ऐनुल,मो इरशाद, एहसान आलम,मो अबताब, मो असगर सहित हजारो की संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे.