नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को जिस तरह से हिंसा का रूप दिया गया वो बेहद निंदनीय है साथ ही राष्ट्रविरोधी भी है.
इसी बात को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, सैयद घयोरुल हसन रिज़वी ने कहा, ‘मैं प्रदर्शनकारियों से अपील करता हूं कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन नहीं किए जाने चाहिए.
आगे कहा, ‘मैं प्रदर्शनकारियों से भी अपील करता हूं कि विरोध की आवश्यकता नहीं है क्योंकि नागरिकता संशोधन कानून भारत के मुसलमानों के खिलाफ नहीं है.’
उन्होंने कहा कि यदि विरोध करना ही है तो इसे शांतिपूर्वक किया जाना चाहिए. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में रविवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ.
सीएए के विरोध के नाम पर असम और बंगाल से शुरू हुई हिंसा की लपटों ने रविवार को राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ को अपनी चपेट में ले लिया था.
दिल्ली के जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ के एएमयू में उपद्रवियों ने सबसे ज्यादा बवाल किया. दिल्ली में बसें तक फूंक दी गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में CAB के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में तीन दिन से विरोध प्रदर्शन चल रहा था लेकिन रविवार को इस प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई.
उत्पातियों ने पूरे दिन दिल्ली-नोएडा रोड और मथुरा रोड को ठप कर दिया था।