- सात जिले के 55 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया,
- लॉकडाउन में फंसे परिवारों को विधायकों की अनुशंसा पर एक व दो हजार की सहायता मिलेगी,
- कैबिनेट की बैठक में नौ प्रस्तावों को मंजूरी
रांची: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में अध्यक्षता में सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी.
बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति निपटने व लॉकडाउन को लेकर एक मंत्रिमंडलीय उप समिति बनायी गयी है.
इस समिति में मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता और बन्ना गुप्ता शामिल है. बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के तहत विधायक योजना के अंतर्गत आर्थिक समस्याओं के समाधान को लेकर आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है.
इसके तहत विधायकगण अपने क्षेत्र में खाद्य सामग्री और दवा की जरूरत को पूरा करने में लोगों की मदद कर पाएंगे. उन्होंने बताया कि विधायक की अनुशंसा पर लॉकडाउन में जरूरतमंद परिवार को एक हजार रुपये की सहायता और जिस परिवार का मुखिया राज्य के बाहर फंसा है,उस परिवार को 2000 रुपये की सहायता उपलब्ध करायी जाएगी.
इसके लिए विधायक उपविकास आयुक्त के समक्ष नाम व बैंक खाता नंबर के साथ अनुशंसा करेंगे। इस योजना के तहत सभी विधायक 25लाख रुपये तक व्यय कर सकेंगे.
बैठक में झारखंड एकेडिमक कोविड- 19डिजिज नियमावली को घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी.
मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2019 के मॉनसून आगमन में विलंब और अल्पवृष्टि से फसल अच्छादान में कमी के कारण सात जिलों बोकारो, चतरा, पाकुड़, देवघर, गिरिडीह, गोड्डा और हजारीबाग के 55 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया.
उन्होंने बताया क जून से अगस्त तक इन क्षेत्रों में सामान्य रूप से 530मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन मात्र 330 मिमी बारिश हुई.
बैठक में डीवीसी के बकाया भुगतान को लेकर 100करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर घटनोत्तर प्रस्ताव और सेना के कैटिन स्टोर डिपार्टमेंट के शराब को वैट से मुक्ति का प्रस्ताव दिया गया.