नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में संगठन में बदलाव किया है. शनिवार को भाजपा संगठन में बहुप्रतीक्षित बदलाव की घोषणा की गई. माना जा रहा कि संगठन में थोड़े बहुत बदलाव किए जाएंगे, लेकिन गिने चुने चेहरों को छोड़कर उपाध्यक्ष से लेकर महामंत्री तक और सचिव स्तर तक में बड़े बदलाव कर दिए. बीजेपी ने युवा चेहरों को मौका दिया. अब पार्टी में बदलाव के बाद माना जा रहा है कि सरकार में भी बदलाव हो सकते हैं. भाजपा के संगठन में हुए बड़े बदलाव के बाद अब मोदी कैबिनेट के विस्तार पर निगाहें टिकी है.
जल्द हो सकता है कैबिनेट में विस्तार
माना जा रहा है कि जल्द ही मोदी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. इस विस्तार में उन नेताओं को जगह मिल सकती है, जिन्हें जेपी नड्डा की टीम में जगह नहीं मिली है. वहीं पार्टी के एक खेमे का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद मोदी कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है. अगर मोदी सरकार के सफर पर नजर डाले तो पहली पारी में उन्होंने 6 महीनों के भीतर की कैबिनेट का विस्तार किया था. साल 2014 में पहली बार सत्ता में आने के बाद मोदी कैबिनेट ने 6 महीनों के भीतर अपने कैबिनेट का विस्तार किया था, लेकिन दूसरी बार 30 मई 2019 को मंत्रिमंडल के गठन के बाद से अब तक कैबिनेट में कोई विस्तार नहीं किया गया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही केंद्र सरकार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है. वहीं दो मंत्रियों के इस्तीफे और एक मंत्री के निधन के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की जरूरत बढ़ गई है.
जेपी नड्डा की टीम से बाहर हुए नेताओं को मिल सकता है मौका
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर आ रही है कि जिन नेताओं को भाजपा संगठन में मौका नहीं मिला और उन्हें संगठन से बाहर होना पड़ा, उन्हें कैबिनेट में जगह मिल सकती है. जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम से विनय सहस्त्रबुद्धे, अनिल जैन, सरोज पांडे, राम माधव ,पी मुरलीधर राव जैसे बड़े नेताओं को बाहर रखा है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन नेताओं को कैबिनेट विस्तार में जगह मिल सकती है.