बेतिया: कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर कोचिंग संस्थान बंद रखने और अभी बाढ़ की समस्या को लेकर प्राईवेट शिक्षकों ने आज लॉकडाउन का पालन करते हुए घर पर ही थाली , घंटी , बासुरी आदि बजाकर सरकार की ओर ध्यानाकर्षण किया
बेतिया पश्चिम चम्पारण जिला अन्तर्गत प्राईवेट कोचिंग एंड टयूशन टीचर्स एसोसिएशन , नरकटियागंज के अध्यक्ष अतुल कुमार ने बताया कि मार्च से कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर कोचिंग संस्थान बंद रखने और अभी बाढ की समस्या को लेकर प्राईवेट शिक्षको ने आज लॉकडाउन का पालन करते हुए घर पर ही थाली , घंटी , बासुरी आदि बजाकर सरकार की ओर ध्यानाकर्षण किया गया कि प्राईवेट शिक्षकों की स्थिति भुखमरी की हो गई है. अतुल कुमार ने सरकार से आग्रह .किया है कि जबतक संस्थान नही खुलता तो आर्थिक पैकेज सरकार दे जिससे भरण पोषण चल सके . सारे जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा गया लेकिन किसी ने अभी तक आर्थिक सहायता के लिए आवाज बुलंद नही की .
माधोपुर और बैरिया निवासी के प्राईवेट शिक्षक अखिलेश शर्मा और ई. रवि राज ने बताया कि कोरोना से पहले हमलोग भुखमरी के शिकार हो जाएंगे. आज हमलोगों ने घंटी बजाकर सरकार तक आवाज पहुंचाने का काम किया कि आर्थिक सहायता हमलोगों को मिले. गांव मे पानी भी आ गया है. फसल नष्ट हो गई लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं है . रूम किराया काफी हो गया. आमदनी नही है. सरकार को इसपर विचार करना चाहिए .
नोनिया टोला के शिक्षक सिकंदर पडित ने बताया कि चार महीने से आर्थिक परिशानी के साथ साथ पैर टूट जाने के कारण मानसिक तनाव से भी हमलोग जुझ रहे है. कोई पूछने वाला नही है. अब तो कोचिंग बंद कर देना पडेगा .बच्चों की स्थिति दयनीय हो गई है.
जयमंगलापुर निवासी अमित कुमार और शिवगंज निवासी विनीत श्रीवास्तव ने कहा कि अब तो ऐसी स्थिति हो गई है कि किराने वाले उधार भी नही दे रहे है. आमदनी नही होने से घर में परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है. सरकार विचार करे और आर्थिक सहायता दे .