खास बातें
पाकुड़ में रेंज अफसर ने ट्रक में लदे 14 ऊंटो को पकड़ा, सभी के पैर और मुंह बंधे हुए थे, तीन ऊंटों की हो गई है मौत
तीन दिन तक एफआईआर भी नहीं दर्ज किया गया, ट्रक ड्राइवर ने बताया कि फुसरो में 50 हजार रुपए लेकर छोड़ा था ट्रक
कोलकाता और बांग्लादेश भेजा जा रहा है उंटों को, राजस्थान में ऊंटों को राजकीय पशु का है दर्जा प्राप्त
एक ऊंट की कीमत लगाई जाती है दो से ढ़ाई लाख रूपए
रांचीः झारखंड के रास्ते ऊंटों की खरीद फरोख्त धड़ले से जारी है. इसके व्यापार के लिए राज्य के विधायक सहित यूपी, कोलकाता और मालदा से पैरवी की जाती है कि रास्ते में ऊंट से लदे ट्रकों को नहीं पकड़ा जाए. लेकिन वन विभाग के पाकुड़ रेंज के रेंज अफसर अनिल कुमार सिंह ने ट्रक में लदे 14 ऊंटों को पकड़ा. जब ट्रक की चेकिंग की जा रही थी तो ड्राइवर –खलासी ने कहा कि इसमें प्लाईवुड लोड है लेकिन जब ट्रक का तिरपाल खोला गया तो वन विभाग के गार्ड हतप्रभ रह गए.
ट्रक में 14 ऊंट थे, सभी ऊंटों का पांव और मुंह बांध दिया गया था ताकि आवाज न हो. ट्रक ड्रआवर ने बताया कि फुसरो में 50 हजार रुपए लेकर ट्रक छोड़ा गया था. जब पाकुड़ में रेंज अफसर ने ट्रक पकड़ा तो झारखंड से एक कांग्रेस विधायक सहित यूपी, कोलकाता और मालदा से रेंज अफसर को फोन कर पैरवी की गई कि ट्रक में लदे ऊंटों को छोड़ दें.
ये ऊंटे सबसे पहले राजस्थान से हरियाणा के कनाना लाए गए थे, उसके बाद इसे ट्रक में लाद कर मालदा ले जाया जा रहा था. इस बीच रेंज अफसर ने इस पाकुड़ के चेकनाके में पकड़ लिया. पुलिस प्रशासन को एफआईआर करने को भी कहा, लेकिन एफआईआर दो दिन बाद दर्ज किया गया.
इस बीच तीन ऊंटों की मौत भी हो गई. पशुपालन विभाग भी चुप्पी साधे रहा. फिलहाल ऊंटों को वन विभाग की नर्सरी में रखा गया है. ऊंटों को राजस्थान में राजकीय पशु का दर्जा प्राप्त है. एक ऊंट की कीमत दो से ढ़ाई लाख रुपए लगाई जाती है.