दिल्ली: मेदांता मेडिसिटी अस्पताल प्रोजेक्ट मामले में गड़बड़ी के आरोप में पुलिस ने शनिवार को सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहन सहित कई अन्य लोगों व कंपनियों के खिलाफ भ्रष्टाचार व मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. अदालत ने पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. सहायक पुलिस आयुक्त (सदर) अमन यादव ने एफआईआर की पुष्टि करते हुआ कहा कि जल्द ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
आरटीआई कार्यकर्ता रमन शर्मा ने बताया कि उन्होंने जून-2019 में मेदांता मेडिसिटी प्रोजेक्ट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में शिकायत दी थी. इसके बाद ईडी ने हरियाणा पुलिस के पास जांच भेज दी थी. आरटीआई कार्यकर्ता के मुताबिक, इस मामले में गुरुग्राम पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने पर तीन दिन पहले अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
याचिका में डॉ. नरेश त्रेहन समेत उनके सभी साझेदार सहित 52 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी. हालांकि, अदालत ने अपने आदेश में सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहन, सुनील सचदेव, अतुल पुंज, अनंत जैन के अलावा ग्लोबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड, पुंज लॉयड को नामजद करने के अलावा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के (एचएसवीपी) के मुख्य प्रशासक, एचएसवीपी गुरुग्राम के प्रशासक, संपदा अधिकारी-2 व स्वास्थ्य विभाग के निदेशक के साथ ही मामले से संबंधित अन्य सभी सरकारी अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है.
क्या है आरोप
आरोप है कि मेदांता का एक हजार करोड़ का प्रोजेक्ट 2009 में पूरा होना था. प्रोजेक्ट में अस्पताल बनाने के साथ ही मेडिकल कॉलेज, रिसर्च सेंटर, नर्सिंग स्टाफ के लिए क्वार्टर, मरीजों के रिश्तेदारों के लिए गेस्ट हाउस सहित कई सुविधाएं विकसित की जानी थी, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर प्रोजेक्ट में केवल अस्पताल बनाकर छोड़ दिया गया. यही नहीं, प्रोजेक्ट पूरा करने की बजाय यहां से कमाकर दूसरे प्रदेशों में इसका फंड लगाया.