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स्थानीय लोगों ने कहा- आरोप निराधार, दें सबूत, मेयर ने उपायुक्त से की कर्मियों के सुरक्षा की मांग
रांची: हिंदपीढ़ी के एक विशेष इलाके में रांची नगर निगम कर्मियों पर थूकने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. हिंदपीढ़ी में रहने वाले लोगों ने घटना को एक साजिश बताया है. साथ ही जिला प्रशासन और निगम से पूछा है कि यह बताया जाये कि इलाके में सैनिटाइज करने गये निगम के किस सफाईकर्मी पर कहां और किस वक्त थूका गया.
दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय से जुड़े कई पार्षदों ने एक स्वर पर पूरी घटना को एक साजिश बताते हुए जांच की मांग तक की है. इनका कहना है कि कोरोना महामारी में इस तरह की घटना सही नहीं है. एक विशेष इलाके को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची जा रही है.
घटना के दूसरे दिन हिंदपीढ़ी के लोगों ने इस मामले को लेकर काफी आक्रोश देखा गया. हिंदपीढ़ीवासियों की ओर से सोशल मीडिया पर ये संदेश डाला गया है, जिसमे कहा गया है कि रांची से प्रकाशित कुछ अखबारों ने मुस्लिम बहुल हिंदपीढ़ी को बदनाम करने की मंशा से झूठी और मनगढंत खबर प्रकाशित की है.
जिसका सारा समाज खंडन करता है. यह मानवमूल्यों, संवैधानिक मूल्यों और पत्रकारीय मूल्यों के विरुद्ध है. यदि रांची नगर निगम के कर्मचारियों पर थूकने वाली बात आरोप नहीं हकीकत है, तो इसके सबूत सार्वजनिक किए जाएं. ये कथित घटना कितने बजे की है और कहां पर की है, स्पष्ट किया जाए.
कितने कर्मचारी उस समय घटना स्थल पर तैनात थे, इसका ब्यौरा दिया जाए. आज कल हर किसी के पास मोबाइल हुआ करता है, गर लोग दुर्व्यवहार कर रहे थे (जैसा आरोप है) तो उसका वीडियो या फोटो क्यों नहीं लिया गया. प्रशासन ने हिंदपीढ़ी में हर जगह पुलिस तैनात किए हैं, तब पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे.
कर्मचारियों ने तत्काल पुलिस की सूचना क्यों नहीं दी. और यदि दी तो पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की. प्रशासन ड्रोन से निगरानी करा रहा है, इसकी फुटेज समय और स्थान अनुसार निकल सकती है. पीड़ित कर्मी और आरोपी की पहचान हो सकती है. इसे सार्वजनिक किया जाए.
नगर निगम कार्यालय के पास जाकर भी गलत नारे लगाने और नोट पर थूक कर फेकने के आरोप हैं. निगम के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सार्वजनिक की जाए. हिंदपीढ़ी सील कर दिया गया है. प्रशासन द्वारा लोगों के राशन और दवा आदि के लिए इलाके के 24 कार्यकर्ताओं को बाहर निकलने की अनुमति दी है.
9 अप्रैल गुरुवार को ऐसे लोगों को भी पुलिस ने बाहर नहीं निकलने दिया गया तो हिंदपीढ़ी के दो युवक कैसे निगम तक बाइक से चले गए. उक्त सारे सवालों के जवाब देने का आग्रह है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम सभी ऐसे कर्मचारियों को तत्काल सस्पेंड करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सजा देने की मांग करते हैं.
हिंदपीढ़ी के लोगों का कहना है कि रांची नगर निगम के कर्मियों पर थूकने वाली बात में सच्चाई नहीं है. यह एक साजिश है, जिसकी जांच होनी चाहिए. इस मामले को लेकर हिंदपीढ़ी के लोगों ने मुख्य न्यायधीश को भी इस मामले में पत्र भेजने की बात कही है.
मेयर ने कर्मियों के सुरक्षा की मांग की
मेयर आशा लकड़ा ने उपायुक्त व एसएसपी को पत्र लिखकर हिंदपीढ़ी में काम करने जा रहे निगम के कर्मियों के सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के दुव्यवहार के मामले आ रहे हैं, जिसे काम करने में लोग संकोच व्यक्त कर रहे हैं. वहां जाने वाले टीम के साथ गस्ती दल को भेजना सुनिश्चित की जाए.
किसी विशेष समुदाय महामारी को जोड़ना व हिंदपीढ़ी को बदनाम करना गलत: नाजिमा रजा
वार्ड 16 की पार्षद नाजिमा रजा ने कहा है कि सफाईकर्मी व स्वास्थ्यकर्मी आज के हीरो है. हम सबों को उनका सम्मान करना चाहिए. लेकिन उनसे आग्रह है कि इस तरह से हिंदपीढ़ी को बदनाम न करें. कोरोना जैसी महामारी एक आपदा के रूप में आयी है. इसे एक विशेष समुदाय से न जोड़ा जाए.
कर्मियों पर थूकने के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए नजिमा रजा का कहना है कि कर्मियों पर उस दौरान मोबाइल जरूर होगा तो मोबाइल से बने फोटो या वीडियो को दिखाया जाए. उन्होंने नगर आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त से मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
किसी समुदाय के बारे में अनफवाह फैलना सही नहीं: हुस्ना आरा
वार्ड 4 की पार्षद हुस्ना आरा ने कहा है कि कोरोना जैसी महामारी में भी सफाईकर्मी अपनी जान की परवाह किये बगैर काम कर रहे हैं. उनका काम सराहनीय है. इस दौरान सभी को मिलकर लड़ना चाहिए. लेकिन ऐसा न हो कि एक-दूसरे को बदनाम किया जाये या किसी समुदाय के लोगों के बारे गलत अफवाह फैलाया जाए. हुस्ना आरा ने कहा कि अगर कर्मियों के साथ कुछ गलत हुआ है तो पहले उन्हें पार्षद को बताना चाहिए था.
इंर्फोसमेंट ऑफिसर को भागना था इसलिए लगाया झूठा आरोप: मो. एहेतशाम
वार्ड 21 के पार्षद एहेतशाम ने कहा है कि इंफोर्समेंट ऑफिसर राजेश गुप्ता की बात पूरी तरह से गलत है. इलाके के किसी भी लोगों ने उनपर नहीं थूका है. अगर ऐसी कोई बात थी, तो पहले पार्षद को पूरी घटना बतानी चाहिए.
दरअसल, राजेश गुप्ता को यहां से भागना था, तो कोई न कोई बहाना चाहिए. उन्होंने भी नगर आयुक्त से घटना की जांच की मांग की है.
वार्ड 45 के पार्षद नसीम गद्दी ने कहा है कि निगम के सभी कर्मी तो गाड़ी में बैठे थे. दरअसल, इसके पीछे एक पूरी साजिश रची गयी है. जिसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए.