चतरा : चतरा दक्षिणी वन प्रमंडल के सिमरिया वन क्षेत्र पदाधिकारी उमेश प्रसाद द्वारा बेशकीमती अवैध लकड़ी के उपयोग से अपने आवासीय परिसर में बनाए जा रहे फर्नीचर के मामलें को झारखण्ड सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल रेंजर अपने पद व पवार का दुरुपयोग कर जंगलों के बहुमूल्य लकड़ियों को कटवाकर निजी स्वार्थ हेतु अपने सरकारी आवास में कुर्सी, टेबल व अन्य फर्नीचर का निर्माण करा रहे थे. गौरतलब है कि इस मामलें से जुड़ी ख़बरें फोटो व वीडियो समेत बुधवार को तेजी से वायरल हुए थे.
इधर प्रधान सचिव के निर्देश पर चतरा एसीएफ के नेतृत्व में वन विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम मामले की जांच करने आज सिमरिया वन कार्यालय पहुंची। जहां अधिकारियों ने रेंजर कार्यालय और आवासीय परिसर का निरीक्षण किया। साथ ही आरोपी वन क्षेत्र पदाधिकारी और फर्नीचर निर्माण में लगे कारपेंटर से अलग-अलग पूछताछ की।
वहीँ पूछताछ के बाद जांच टीम ने बताया कि निरीक्षण के दौरान नई लकड़ियों से निर्मित कई फर्नीचर मिले हैं। फर्नीचर निर्माण में सीसम व गमहार के अलावे अन्य महंगे लकड़ियों का भी उपयोग किया गया है। इन लकड़ियों को रेंजर ने कहां से लाया है इसकी जांच की जा रही है। टीम ने बताया कि जल्द ही मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
हालांकि दूसरी ओर इस मामले में आरोपी रेंजर उमेश प्रसाद की अपनी दलीलें हैंद्य वे इन पुराने फर्नीचर की मरम्मती कराने की बात कर रहे है। कहते है कि पुराने फर्नीचर का रंग-रोगन कराया जा रहा है।