जम्मू: जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को बड़ी राहत मिली है. केंद्र ने सेब के लिए शुरू की गई बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) को इस साल के लिए भी मंजूरी दे दी है. नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (नैफेड) के माध्यम से सरकार 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदेगी. केंद्र ने इसके लिए नैफेड को 2500 करोड़ रुपये की वित्तीय गारंटी दी है.
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान यदि सेब खराब होता है तो उसकी भरपाई केंद्र और प्रदेश सरकार 50-50 प्रतिशत के अनुपात में करेगी. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने योजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी पर आभार जताते हुए कहा कि यह बागवानों के लिए बड़ी राहत है.
एलजी ने कहा कि नैफेड की ओर से उचित मूल्य पर सेब की खरीद के लिए सोपोर, बारामुला, श्रीनगर में 5 संग्रह केंद्रों (फल और सब्जी मंडियों) को चुना गया है. शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग में भुगतान सीधे उत्पादकों के खाते में होगा. इस योजना के तहत सेब के विपणन, ग्रेडिंग, खरीद, भंडारण की सुविधा मिलेगी, जिससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजन भी होगा. बागवानी विभाग के वरिष्ठ स्तर के अधिकारी मंडी में खरीद की निगरानी करेंगे.
एलजी ने पीएम को कहा-शुक्रिया
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र शासित प्रदेश में सेब की खरीद के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना को मंजूरी देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल को धन्यवाद दिया. कहा कि नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के प्रतिनिधि बागवानी एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों के साथ खरीद और अन्य प्रक्रियाओं से जुड़ेंगे. इस योजना को जम्मू-कश्मीर में पहली बार सितंबर-2019 में शुरू किया गया था.