रांची: नहाय-खाय के साथ शनिवार से चार दिवसीय चैती छठ महापर्व की शुरुआत हो गयी. छठव्रतियों ने पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद तैयार कर भगवान को अर्पित करने के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लिया.
30 मार्च को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, वहीं 31 मार्च को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चैती छठ महापर्व संपन्न होगा.
राजधानी रांची समेत राज्यभर में चैत्र माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी के मौके पर व्रतियों ने नहाय-खाय के साथ व्रत आरंभ किया. सुबह में व्रत धारण करने वाले घरों में स्नान के बाद पान के पत्ते, सुपारी व अक्षत को सूर्य देव को अर्पित किया गया.
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पूजा-अर्चना के बाद नेम, निष्ठा के साथ व्रतियों ने पीतल के पात्र में कद्दू, चने की दाल और चावल तैयार किया भोजन ग्रहण किया.
चैत्र माह में होने वाले छठ में पंचमी के दिन रविवार की शाम व्रती खरना करेंगी. कई व्रतियों के यहां खरना के मौके पर परंपरा के मुताबिक चावल, दाल और पूडियां तैयार की जाती है.
इधर कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में हुए 21 दिनों के लॉक डाउन का वजह से इस बार छठ घाटों पर भीड़ नहीं होगी. व्रतियां अपने अपने घरों में ही सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पण करेंगी और सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन करेंगी.