दीपक
रांची
झारखंड में औद्योगिकीकरण की बयार 2005-06 से ही बहनी शुरू हो गयी थी. इस दिशा में सरकार की तरफ से अलग-अलग समय में बड़े उद्योगों को स्थापित करने के लिए 3.50 लाख करोड़ रुपये का द्विपक्षीय समझौता किया गया. राज्य सरकार ने उद्योगों को बेहतर बनाने और झारखंड औद्योगिक नीति के तहत रियायतें देने की दिशा में भी काम किया है. हाल ही में मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार बंद पड़ी 107 पुरानी औद्योगिक इकाईयों को चालू करने जा रही हैं. खास कर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी सभी इकाईयों को पुनर्जीवित भी किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार ने कृषि खाद्य प्रसंस्करण, गारमेंट्स, आइटी, सुक्ष्म और मझोले उद्योगों में सिर्फ साढ़े चार वर्ष में ही 72 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार दिये हैं.
Also Read This:- NCC-22 बटालियन में ग्रुप कमांडर ने एएनओ एवं सीटीओ के साथ की प्रेरण बैठक
उद्योग सचिव के रविकुमार ने कहा कि राज्य की औद्योगिक इकाईयों को लेकर कई बार भ्रामक समाचार प्रकाशित किये जा रहे हैं. जबकि स्थिति बिल्कुल अलग है. राज्य सरकार औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नये सिरे से काम कर रही है. रांची क्षेत्रीय औद्योगिक विकास प्राधिकार के अंतर्गत आनेवाले तुपुदाना औद्योगिक क्षेत्र का भी जिर्णोद्धार हो रहा है. इसके मास्टर प्लान की स्वीकृति भी दे दी गयी है. फिलहाल यहां पर 314 इकाईयों से उत्पादन हो रहा है . 71 इकाईयां काफी दिनों से बंद पड़ी हैं. उन्होंने बताया कि राज्य के सरायकेला-खरसांवा मार्ग, चांडिल, रामगढ़, रांची, चाईबासा मार्ग, संताल परगना, हजारीबाग में तेजी से औद्योगिकीकरण हुआ है. इन जगहों पर जिंदल पावर एंड स्टील लिमिटेड, कोहिनूर स्टील, बालाजी इस्पात, मोनट इस्पात का कोल वाशरी, रूंगटा माइंस का प्लांट, आधुनिक पावर एंड इनर्जी लिमिटेड, टाटा पावर, टाटा स्टील का विस्तारीकरण भी हुआ.
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मोमेंटम झारखंड से भी निवेशकों की भारी तादाद को आमंत्रित कर निवेश के रास्ते को सुगम किया गया. इसके साथ ही पुराने और लघु औद्योगिक इकाईयों के लिए भी सरकार ने पुरानी आधारभूत संरचना को विकसित करने और उसके मॉडिफिकेशन की योजना भी बनायी है. इसमें राज्य के रांची औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (रियाडा), बोकारो औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (बियाडा), संताल परगना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आयडा) शामिल है.
सरकार की तरफ से इन क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, भूमि का आवंटन और अन्य के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के साथ” ईज ऑफ डूइंग” बिजनेस को बढ़ावा दिया जा रहा है. झारखंड स्पेश एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से सभी औद्योगिक क्षेत्रों का जियोग्राफिकल इंफोरमेशन सिस्टम (जीआइएस) आधारित मैपिंग भी कराया गया है. जिसमें यह पता चलता है, कि कितने औद्योगिक इकाईयों को प्लांट दिये गये हैं और कौन चालू हालत में हैं. यह सारा ऑनलाइन और यूजर फ्रेंडली भी है.
Also Read This:- बिहार आई दिल्ली की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म
तुपुदाना औद्योगिक क्षेत्र को विकास करने का सरकार ने तैयार किया मॉडल
रांची के रियाडा के अंतर्गत आनेवाले तुपुदाना औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने मॉडल तैयार किया है. 277 एकड़ में फैले क्षेत्र में 165 एकड़ जमीन औद्योगिक इकाईयों को दी गयी है. झारखंड औद्योगिक आधारभूत संरचना निगम (जीडको) के क्षेत्रीय निदेशक अजय कुमार सिंह ने बताया कि तुपुदाना में एचइसी की एंसीलियरी यूनिट्स और बिहार राज्य वित्त निगम से कर्ज लेने वाली इकाईयां ही बंद हुई हैं. बिहार राज्य वित्त निगम से कर्ज लेकर उसे चुकता नहीं करनेवाली इकाईयों को बिहार ने ऑक्शन करने का फैसला लिया है. कुछ इकाईयों के कर्ज संबंधी मामले न्यायालय में लंबित हैं. ऐसी 40 इकाईयां हैं, जो बीएसएफसी की मार्टगेज संपत्ति है. ये सभी निलामी की प्रक्रिया से गुजर रही हैं. उनके अनुसार तुपुदाना में आयन डिजीटल, शाकंभरी राइस मिल्स, महिंद्रा नेक्सजेन सोल्यूशन, प्रगति केमिकल्स, सत्यम फ्लोर मिल्स, अनंद केमिकल्स, उर्मिला एग्रो मशरूम प्रोडक्शन, मोनास्टिक इंडया फूड्स समेत अन्य महत्वपूर्ण इकाईयां सफलतापूर्वक काम कर रही हैं.