जम्मू: जम्मू-कश्मीर घाटी में पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा रणनीति में फेरबदल किया गया है. जवानों पर हमला कर फरार होने वाले आतंकियों का पूरी तरह से पीछा करने को कहा गया है. वहीं एक अधिकारी के अनुसार आतंकियों की रणनीति को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर सुरक्षाबलों द्वारा रणनीति में फेरबदल किया जाता है.
जानकारी के अनुसार आतंकियों द्वारा पिछले कुछ समय से अपनाई जा रही हिट एंड रन की रणनीति के चलते सुरक्षाबलों ने भी अपनी रणनीति में फेरबदल किया गया है. सुरक्षाबलों के उच्च अधिकारियों द्वारा सुरक्षाबलों पर हमला करने वाले आतंकियों का तब तक पीछा करने को कहा गया है जब तक वह किसी ऐसी जगह न घेरे जाएं जहां मुठभेड़ की पूरी संभावना बने. हाल के दो हमलों में मिली कामयाबी भी इसी रणनीति का नतीजा है, जिसमें सुरक्षाबलों द्वारा कुल छह आतंकियों को मार गिराया गया है.
एक हमला शनिवार देर रात सुरक्षाबलों पर किया गया जिसमें तीन हमलावारों ने सीआरपीएफ की 61 बटालियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस के नाके पर फायरिंग कर फरार हुए थे. लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें पंथा चौक के धोबी मोहल्ला में घेर लिया. करीब 8 घंटे तक चली भीषण मुठभेड़ में तीन आतंकियों को ढेर किया गया, जबकि एसओजी के एएसआई बाबू राम इसमें शहीद हो गए.
ऐसा ही एक हमला 17 अगस्त को बारामुला जिले के पट्टन में सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस की संयुक्त नाका पार्टी पर हुआ. जिसमें पुलिस का एक एसपीओ और सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हुए. लेकिन उनका पीछा करने के बाद कई घंटे तक चली मुठभेड़ में तीन आतंकियों को ढेर किया गया.
गौरतलब है कि इस प्रकार का एक हमला 14 अगस्त को भी हुआ था. आतंकियों द्वारा जम्मू-कश्मीर पुलिस और एसएसबी की संयुक्त नाका पार्टी पर श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र नौगाम में किया गया, जिसमें दो जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शहीद हुए. वहीं रणनीति को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों की हिट एंड रन की रणनीति के बाद बदली गई रणनीति में और सुधार लाया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि जिस तरह के हमलों को आतंकी अंजाम देते हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए काउंटर-ऑपरेशन की रणनीति बनाई जाती है.