रांची: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व आज संपन्न हो गया. रांची समेत राज्य भर में लोग इस पर्व में श्रद्धा और विश्वास के साथ शामिल हुए. रांची के धुर्वा डैम, कांके डैम, जगन्नाथपुर तालाब, sector-2 तालाब, डोरंडा स्थित बटन तालाब, बड़ा तालाब, चड़री तालाब, डिस्टलरी तालाब और नामकुम स्थिति घाघरा घाट समेत अन्य जलाशयों में आज छठ व्रतियों ने भगवान सूर्य को छठ पर्व का दूसरा और आखरी अर्घ्य अर्पित किया. अर्घ्य अर्पित करने के साथ सूर्य उपासना का चार दिवसीय महा अनुष्ठान संपन्न हो गया. 36 घंटे के निर्जला उपवास के बाद व्रतियों ने छठ घाट से लौटकर घरों में प्रसाद खा कर पारण किया.
विद्युत सज्जा आकर्षण का केंद्र रहा
छठ पूजा समिति की ओर से रांची के विभिन्न तालाबों, डैम और जलाशयों को आकर्षक विद्युत बल्ब से सजाया गया था. रात्रि के अंधेरे में विद्युत सज्जा लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे. समितियों की ओर से कई किलोमीटर दूर दूर तक अस्थाई तोरण द्वार बनाए गए थे.इसके अलावे रोशनी की समुचित व्यवस्था की गई थी जिससे छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हुई. सुबह के वक्त आज पूजा समितियों की ओर से अर्घ्य अर्पित करने के लिए नि:शुल्क दूध का वितरण भी किया गया. छठ घाटो पर आने वाले लोगों ने भी जिला प्रशासन और छठ पूजा समिति की ओर से की गई व्यवस्था पर काफी संतोष व्यक्त किया.
एनडीआरएफ की टीम रही तैनात
छठ घाटों पर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम पूरी तरह से मुस्तैद दिखी. रांची के धुर्वा डैम, कांके डैम और बड़ा तालाब समेत अन्य तालाबों पर और जलाशयों पर महिला बटालियन और पुरुष बटालियन के जवान डटे दिखे. वहीं कुशल गोताखोरों के साथ एनडीआरएफ की टीम भी छठ के दौरान घाटो पर मुस्तैद रही.
घरों में भी व्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया
रांची में बड़ी संख्या में व्रतियों ने घरों से बाहर जलाशयों और नदियों में भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया. इनके अलावे रांची वासियों ने अपने अपने घरों में कृत्रिम जलाशय की व्यवस्था करके भी अर्घ्य अर्पित किया.कई मोहल्ले और कॉलोनियों में लोगों ने सामूहिक प्रयास से कृत्रिम जलाशय का निर्माण कर छठ पर्व का अर्घ्य अर्पित किया.