BNN DESK: देशभर में छठ पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस पर्व में सूर्यदेवता और छठ मैय्या की पूजा की जाती है. आज शाम का अर्घ्य है. व्रतियों के लिए इसका विशेष महत्व है. इसमें कमर तक पानी में खड़ा होकर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है. छठ महापर्व में कार्तिक शुक्ल षष्ठी और सप्तमी दो दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है. पहला अर्घ्य अस्तगामी यानी डूबते सूर्य को दिया जाता है और दूसरा अर्घ्य उगते सूर्य को प्रदान किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि सूर्य ही प्रकृति के आधार हैं इन्हीं की कृपा से कृषि उन्नत होती है और सृष्टि में जीवन का संचार होता है इसलिए इनका आभार प्रकट करने के लिए इन्हें अर्घ्य दिया जाता है.
– मान्यता है कि छठ पर्व पर व्रत करने या फिर सच्चे मन से छठ माता और सूर्यदेव की पूजा करना व्यक्ति को निरोग रखता है और घर में सुख-शांति लाता है. यही कारण है कि बहुत से लोग इस दिन के लिए मानता मांगते हैं और हर साल या तो खुद पूजा करते हैं या फिर प्रसाद बनाकर व्रतियों को चढ़ाने के लिए देते हैं.
– घाट तक जाने के लिए डाला यानी टोकरी उठाने का भी बड़ा महत्व माना जाता है.
– छठ पूजा के लिए खास डाला तैयार किया जाता है. इसमें पारंपरिक पकवान रखे जाते हैं. इनमें ठेकुआ, भुसुआ, चावल के लड्डू, मौसमी फल, सिंघाड़ा, गन्ना, भीगी हुई चनादाल जैसी चीजें शामिल हैं.
– शाम के समय डाला में पूजा की सभी चीजें औऱ व्यंजन सजाकर रखे जाते हैं. इसके बाद परिवार और पड़ोसी सब मिलकर घाट जाते हैं और डूबते सूरज को अर्घ्य देते हैं.
– आज के दिन भी पूजा करने वाला व्यक्ति निर्जला व्रत करता है.
अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
संध्या का अर्ध्य (21 नवंबर)- सूर्य को शाम 5 बजकर 25 मिनट को दिया जाएगा
सूर्योदय का अर्घ्य (21 नवंबर)- 6 बजकर 48 मिनट
जानिए अपने यहा सूर्यास्त का समय
दिल्ली- शाम 5:26 बजे
नोएडा- शाम 5:26 बजे
पटना- शाम 4:58 बजे
लखनऊ- शाम 05:14 बजे
वाराणसी- शाम 05:16 बजे
प्रयागराज- शाम 05:12 बजे
कानपुर- शाम 05:18 बजे
गोरखपुर- शाम 05:30 बजे
आगरा- शाम 05:25 बजे
सिवान- शाम 05:01 बजे
पूर्वी चंपारण- शाम 04:58 बजे
पश्चिमी चंपारण- शाम 04:59 बजे