बोकारो:- दीपावली के बाद छठ की तैयारी पूरे जोर-शोर से की जा रही है. कोरोना काल में आस्था के इस महापर्व को लेकर जिला प्रशासन की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही हैं. माननीय मुख्य सचिव, झारखण्ड़ सरकार की ओर से रविवार को छठ पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है. झारखण्ड़ सरकार की ओर से दिये गये दिशानिर्देश के मुताबिक अर्घ्य के दौरान तालाब में डुबकी नहीं लगाने का निर्देश दिया गया है. इतना ही नहीं, जिला प्रशासन को भी कहा गया है कि छठ घाट पर इस तरीके से बैरेकेडिंग की जाए कि छठ व्रती डुबकी न लगा सकें.
इस साल 18 नवंबर, 2020 से छठ पर्व की शुरुआत होने जा रही है. 18 नवंबर को नहाय खाय, 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और 21 नवंबर को उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व संपन्न होगा. लेकिन कोरोना काल में छठ व्रतियों के लिए जो गाइडलाइन जारी की गई है उसके मुताबिक अगर तालाब किनारे छठव्रती पूजा करने जाते हैं, तो अर्घ्य के दौरान उसमें डुबकी नहीं लगाने का आग्रह किया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने छठ पर्व में कोरोना से बचाव को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किये हैं.
गाइडलाइन के मुताबिक छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति, 60 साल से ऊपर के व्यक्ति, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को छठ घाटों पर नहीं जाने की सलाह दी है. इसके साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करने और दो गज की दूरी का अनिवार्य रूप से अनुपालन करने की सलाह दी गयी है.
नदी, तालाब, झील के पानी में छठ पूजा करते समय दो गज की दूरी का सामाजिक अनुपालन के मानदंडों के राष्ट्रीय निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना संभव नहीं है, इसलिए सार्वजनिक तालाबों, नदी, झील, डैम, जलाशय एवं किसी भी अन्य जल निकाय के पानी में छठ पूजा की अनुमति नहीं दी जाएगी, ताकि कोविड -19 संक्रमण के प्रसार की संभावना को कम किया जा सके.