नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी0 चिदंबरम ने सवाल किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के 5 आलोचकों के साथ खुली बहस करने के सुझाव को स्वीकार क्यों नहीं किया.
चिदंबरम ने ट्वीट किया, मैंने सुझाव दिया था कि प्रधानमंत्री को पांच सबसे मुखर आलोचकों का चयन करना चाहिए और उनके साथ सवाल-जवाब करना चाहिए. प्रधानमंत्री या सरकार सुझाव स्वीकार क्यों नहीं करते? उन्होंने कहा सीएए-एनपीआर के पांच आलोचक प्रधानमंत्री से बहस कर लें. इसका सीधा प्रसारण किया जाए. उसके बाद लोगों को उनके निष्कर्ष निकालने दीजिए.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून का देशभर में विरोध हो रहा है. कई राज्यों में छात्र व विपक्षी दलों के नेता इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. मोदी सरकार इस कानून को वापस लेने से साफ इंकार कर चुकी है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि सरकार किसी भी सूरत में इस कानून को वापस नहीं लेगी. गृहमंत्री ने इस बिल पर बहस के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चुनौती भी दी थी.
बहस के मुद्दे पर पूर्व गृहमंत्री पी0 चिदंबरम ने अमित शाह को जवाब दिया था. तिरुवनंतपुरम में एक रैली को संबोधित करते हुए पी0 चिदंबरम ने कहा था अमित शाह थोड़ा सा पीछे देखें और राज्यसभा और लोकसभा में हुई बहस सुनें. उन्होंने इस कानून से जुड़े एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया और अब वह राहुल गांधी को इस मुद्दे पर बहस के लिए चुनौती दे रहे हैं. इस कानून से जुड़ी हर बात गलत है.