गुमला: द गुमला-सिमडेगा सेन्ट्रल कॉ-आपरेटीव बैंक गुमला के छत मरम्मति कार्य की राशी 11,65,000/- रूपये का भुगतान वर्षों से लटकाने को लेकर ज्योति संघ, गुमला निवासी अजय ओहदार ने मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र, झारखण्ड, रांची में शिकायत दर्ज कर बकाये राशि की भुगतान कराने का आग्रह किया है.
उल्लेखनीय है कि जशपुर रोड स्थित गुमला- सिमडेगा सेन्ट्रल कॉ-आपरेटीव बैक लि० शाखा गुमला के बैंक भवन की स्थिती काफी जर्जर व पूरे भवन में पानी टपकने व किसी का जान-माल की नुकसान की संभावना को देखते हुए बैंक की छत मरम्मति के लिए उपायुक्त-सह-प्रशासक के द्वारा पत्रांक- 1090(ii)/गो०, दिनांक 13 सितम्बर 2015 के तहत सरकार के सचिव, कृषी, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार को पत्र लिखकर प्राकलन राशि 14,57,300/- रूपये की तकनीकि स्वीकृति मांगा था.
ये बिल्कुल सच है तथा यह भी सच है कि बैंक प्रबंधक ने बैंक छत की जर्जर स्थिती को देखते हुए तथा जान-माल की संभावना के मद्देनजर उन्होंने अजय ओहदार को बैंक की छत मरम्मति कार्य करने के लिए मौखिक आदेश दिया था जो बैंक प्रबंधक के आदेश-पत्रक दिनांक 16-02-2017 में इस बात का उल्लेख है तथा उक्त आदेश-प्रत्रक को आवश्यक टिप्पणी के साथ उपायुक्त-सह-प्रशासक के पास भेजते हुए मौखिक आदेश पर किये गये कार्यों की घटनोत्तर स्वीकृति पर उचित निर्णय लेने के लिए अनुसंशा किया गया था. लेकिन किसी तरह का कोई निर्णय नहीं हुआ और उक्त संचिका कहां और किस हाल में है न उपायुक्त कार्यालय और ना ही बैंक द्वारा बताया जा रहा है.
वहीं अजय ओहदार का कहना है कि इन्होंने 14,57,300/- रूपये प्राकलन राशि के एवज में हमने बैंक के मौखिक पर 80℅ काम बाजार से उधारी लेकर लगभग 11,65,000/- रूपये का कर दिया तथा बाजार का उधारी भारपाई के साथ-साथ लेबर पेमेण्ट देना भी बाकि है. उन्होंने यह भी कहा कि मैंने कई बार उपायुक्त और बैंक प्रबंधक को पत्र लिखकर बकाये राशि का भुगतान दिलाते हुए प्राकलन के अनुसार कार्य पूर्ण करने का लिखित कार्यादेश मांगा लेकिन सचिवालय व विभागीय स्तर में मामला लम्बित होने का बहाना बनाकर आज कई वर्ष बीत गये ना ही मेरे कार्य के अनुसार बकाया राशि ही दिया जा रहा है और ना ही कार्य पूर्ण करने के लिए किसी तरह का कोई लिखित कार्यादेश ही दिया जा रहा है और इस परिस्थिती को देखते हुए मैंने मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में दिनांक 13 नवम्बर 2019 को एक शिकायत दर्ज कर बकाया राशि दिलाने की गुहार लगायी है.
जानकारी के अनुसार अजय ओहदार के शिकायत संख्या- 2019-135403 को मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र द्वारा उपायुक्त को जांच व कारवाई कर रिपोर्ट तलब किया गया जहां उपायुक्त कोषांग द्वारा दिनांक 16 नवम्बर 2019 को इस सम्बंध में जिला अग्रणी प्रबंधक (एसडीएम) को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गई. लेकिन उनके द्वारा दिनांक 12 दिसम्बर 2019 को हमसे सम्बधित नहीं है कहकर जांच नहीं किया गया. फिर जनसंवाद केन्द्र से इस पर आवश्यक दिशा-निर्देश मांगी गई जहां से पिछले 14-12-2019 को इस मामले पर आवश्यक जांच व कारवाई के लिए सीधे कृषी, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार के उप सचिव के समक्ष भेजने का निर्देश दिया गया है और मामला जांचाधिन है.