रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित एक मामले की जांच का आदेश रांची डीसी को दिया है. उन्होंने इस मामले की पूरी जांच करते हुए आरोपियों पर कार्रवाई करने को कहा है. नारायण विश्वकर्मा द्वारा किये गये ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए सीएम ने उक्त निर्देश दिये.
विश्वकर्मा ने कहा है कि रांची में आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. आदिवासी की भुइहरी जमीन की न रसीद कटेगी न रजिस्ट्री होगी, लेकिन सभी नियम को ताक पर रखकर हर कीमत पर आदिवासी जमीन हथिया ली गई.
रांची के बरियातू रोड के रिलायंस फ्रेश के बगल की आदिवासी की भुइहरी जमीन जमींदोज हो चुकी है.
अंचल बडगाई, मौजा मोरहाबादी, थाना नं-192, खाता संख्या-162, खेसरा संख्या 1248 की 33 डिसमिल भुइहरी जमीन में से करीब 3 कट्ठा जमीन की रसीद अरुण कुमार जैन के नाम से (पेज नं116, रिसिप्ट नं- 0874881239 दिनांक 30 मार्च 2019) कटा ली गयी. बाद में जमीन मालिक के परिवार द्वारा बडगाई अंचल में शिकायत की गयी. अंचल कार्यालय में केस नं-1120/2017-18 में निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर पूर्व सीओ बिनोद प्रजापति ने भुइहरी खाते की जमीन को सरकार में निहित नहीं माना और खारिज कर दिया.
इसके बावजूद इस जमीन का रांची नगर निगम से नक्शा पास हुआ और एचडीएफसी बैंक से लोन पास करा लिया गया. अब वहां इमारत का निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है. इमारत के पास ‘प्लस सुपर स्पेशिलियटी अस्पताल’ का बड़ा बोर्ड लगा हुआ है.
इमारत का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. इस मामले में सरना सोतो संगम के सचिव राजेश मुंडा ने 2 अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में शिकायत की थी. जनसंवाद केंद्र ने हाल में राजेश मुंडा को बताया कि इस मामले को सक्षम न्यायालय में ही सलटाया जा सकता है.