रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने COVID-19 से बचाव हेतु किए गए लॉक डाउन से मनरेगा योजना में रोजगार ना पाने वाले मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता के भुगतान के संबंध में केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है.
पत्र में उन्होंने सूचित किया है कि COVID-19 महामारी से बचाव हेतु झारखंड राज्य में 22 मार्च 2020 की मध्यरात्रि से 31 मार्च 2020 की मध्यरात्रि तक लॉक डॉउन हेतु निर्देश निर्गत किया जा चुका है. एक तरफ इस महामारी के फैलाव को रोकने तथा इसे स्टेज 3 में जाने से रोकने हेतु यहां सोशल डिस्टेंसिंग एवं लॉक डॉउन अपरिहार्य है. वहीं पर राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों विशेषकर दैनिक श्रमिकों की रोजी रोटी की चिंता भी हमारा मुख्य फोकस है.
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पत्र में मुख्यमंत्री ने सूचित किया है कि महात्मा गांधी मनरेगा योजना अंतर्गत इच्छुक मजदूरों को नियमानुसार ससमय रोजगार ना दे पाने की स्थिति में उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का प्रावधान है. इस संबंध में निर्गत बेरोजगारी भत्ता भुगतान नियमावली के प्रावधान के अनुरूप ससमय रोजगार न दे पाने की स्थिति में प्रथम 30 दिनों में देय दैनिक मजदूरी का 1/ 4 तथा 30 दिनों से अधिक होने पर दैनिक मजदूरी का 1/2 राशि बेरोजगारी भत्ता के रूप में मजदूरों को देय है, जो उनके खाते में FTO के माध्यम से भेजी जाती है. यह राशि अंततः रोजगार उपलब्ध ना करने वाले पदाधिकारी /कर्मचारी के वेतन से वसूल की जाती है.
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मुख्यमंत्री ने इस बाबत केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि बेरोजगारी भत्ता की यह राशि भारत सरकार द्वारा मजदूरी मद की राशि से मजदूरों को उनके खाते में उपलब्ध कराई जाए. जिससे बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों को इस विपदा के समय में मदद मिलेगी.