नई दिल्ली: चिल्ड्रंस नेशनल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं के किये गये अध्ययन में खुलासा हुआ है कि कोरोना संक्रमण से छुटकारा पाने और शरीर में एंटीबॉडी बनने में बच्चों को कितना समय लगता है. उनके शोध में कई महत्वपूर्ण जानकारी निकल कर सामने आयी है. जो इस कोरोना काल के बीच हमें जागरूक करने के लिए मददगार है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इनमें अस्पताल में कोविड-19 बीमारी का इलाज करवाने के दौरान 215 में से 33 बाल मरीजों के वायरस और एंटीबॉडी दोनों का परीक्षण किया गया. 33 में से 9 मरीजों के ब्लड वायरस पॉजिटिव भी मिले. शोधकर्ताओं ने पाया कि 6 साल से 15 साल की उम्र के बच्चों को कोविड-19 से मुक्त होने में उन मरीजों की तुलना में ज्यादा वक्त लगता है, जिनकी उम्र 16 साल से 22 साल के बीच हो.
चिल्ड्रंस नेशनल हॉस्पिटल की शोधकर्ता बुरक बहार ने कहा कि अधिकतर संक्रमण के मामलों में जब हम एंटीबॉडी को खोजना शुरू करते हैं तो हमें वायरस नहीं मिलता लेकिन कोविड-19 के मामले में हमें वायरस और एंटीबॉडी दोनों ही मरीज के शरीर में देखने को मिले हैं. इसका मतलब है कि एंटीबॉडीज की मौजूदगी में भी बच्चों में वायरस से संक्रमित होने की पूरी आशंका है. बहार रिसर्च की प्रमुख लेखक भी हैं.
उन्होंने कहा कि शोध की अगली कड़ी में हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि एंटीबॉडी के साथ मौजूद वायरस दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैला सकता है या नहीं.