लद्दाख: पूर्वी लद्दाख सेक्टर में बीते हफ्ते चीनी सैनिकों ने भारतीय आर्मी के गश्त दल को बंधक बना लिया था. इस रिपोर्ट को भारतीय सेना ने बेबुनियाद और झूठा बताया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में खबर आई थी कि चीने ने भारतीय सेना के गश्ती दल के जवानों में बंदी बना कर बाद में रिहा कर दिया. इस पर भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि यह सच नहीं है. हालांकि, सरकार की ओर से इस घटना पर कोई बयान नहीं आया है.
जानकारी के लिए आपको बता दें चीन पैंगॉन्ग लेक और गालवन घाटी के इलाकों में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर अपने जवनों की संख्या बढ़ा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के आसपास अपनी सेना की टुकड़ियां बढ़ाकर साफ संकेत दे दिया हैं कि वह भारतीय सेना से हुए टकराव को जल्द समाप्त करना चाहता है. बताया जा रहा है कि चीन ने भारतीय सेना के कड़े विरोध के बाद भी गालवन घाटी में बीते दो हफ्तों में 100 तंबू लगाए हैं. इसके अलावा चीन बंकर बनाने से जुड़ी मशीनरी भी लगा रहा है.
आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने लेह में शीर्ष कमांडरों के साथ की मीटिंग
लद्दाख और सिक्किम सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच शनिवार को भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे दौरा करने पहुंचे. यहां उन्होंने 14 कोर के लेह स्थित मुख्यालय में शीर्ष आर्मी कमांडरों के साथ बैठक की और हालात का जायजा लिया. इसमें एलएसी पर विवादित स्थल समेत पूरे इलाके की सुरक्षा हालात की समीक्षा की गई.
सैन्य सूत्रों ने बताया हा कि भारतीय सेना भी पैंगॉन्ग लेक और गालवन घाटी में चीन की चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है. यहां भारतीय सेना की तैनाती बढ़ाई जा रही है. इलाके के कई अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भारत की स्थिति चीन से बेहतर है.