नई दिल्ली: चीन ने भारत के साथ लद्दाख में बढ़ते विवाद के बीच संकेत किया है कि सीमा पर हालात को सामान्य करने के लिये बातचीत ही एक मात्र रास्ता है. चीन का यह बयान इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि अभी हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत अपने प्रतिष्ठा की रक्षा के लिये किसी भी हद तक जाने के लिये तैयार है.
रक्षा मंत्री के बयान के बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान की यह टिप्पणी को बेहद अहम माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने विवादो सुलझाने के लिये प्रतिबद्ध और सक्षम है.
उन्होंने कहा कि LAC पर फिर से शांति बहाल करने के लिये दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है. इससे पहले भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-चीन विवाद में मध्यस्थता की बात को ठुकरा दिया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भी जोर देकर कहा था कि भारत और चीन शांतिपूर्ण समाधान के लिये बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है. लिहाजा किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों देश लगातार संपर्क में है.
बता दें कि डोकलाम के बाद एक बार फिर भारत और चीन की सेना लद्दाख और सिक्किम क्षेत्र में आमने-सामने है. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के सेनाओं के बीच कई बार झड़पें भी हुई है. यहां तक कि दोनों पक्षों से 150 सैनिकों के भिड़ने से थोड़ी देर के लिये माहौल तनावपूर्ण हो गया था. लेकिन इस दौरान 10 सैनिक दोनों तरफ से घायल हुए.
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी है. उधर चीन हमेशा से अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता रहा है तो भारत इस दावे को ठुकराता रहा है.