अमेरिका: एक अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी ने खुलासा किया है कि चीनी सरकार से जुड़े हैकर्स ने बायोटेक कंपनी मॉर्डना इंक को निशाना बनाया था, जो अमेरिका की एक प्रमुख कोरोना वायरस वैक्सीन शोध डेवलपर है. कंपनी ने इस साल की शुरुआत में मूल्यवान डेटा चोरी की बात कही थी. रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पिछले हफ्ते, अमेरिकी न्याय विभाग ने COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए काम कर रहे मेडिकल रिसर्च संस्थानों की जासूसी करने के आरोपी दो चीनी नागरिकों के बयान सार्वजनिक किये थे. इस बयान में हैकर्स कबूल किया कि वह मॉर्डना की जासूसी करने में शामिल थे.
मैसाचुसेट्स स्थित मॉर्डना इंक ने जनवरी में अपने COVID-19 वैक्सीन की घोषणा की और कंपनी एफबीआई के संपर्क में थी और उसे हैकर्स की गतिविधियों से अवगत करवाया था. हालांकि अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने चीनी हैकर्स द्वारा लक्षित तीन कंपनियों की पहचान का खुलासा करने से इनकार कर दिया. दुनिया में जल्द से जल्द कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के लिए कई देशों रिसर्च चल रहे हैं. अमेरिकी कंपनी मॉर्डना को अमेरिकी सरकार कई बिलियन डॉलर की मदद कर रही है. मॉर्डना का कहना है की वह 30,000 से अधिक लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल कर रही है. चीन भी वैक्सीन विकसित की दौड़ में शामिल है.
कोरोना वायरस से दुनिया भर में अबतक 660,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. कहा गया है कि दो चीनी हैकर्स, ली शियाओयू और डोंग जियाज़ी ने एक दशक तक हैकिंग को अंजाम दिया, उन्होंने हाल ही में COVID-19 मेडिकल रिसर्च समूहों को लक्षित किया था. वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने दुनिया भर में हो रही घटनाओं में हैक करने में किसी भी चीनी भूमिका से इनकार किया है.
माना जा रहा है कि कैलिफोर्निया और मैरीलैंड की बायोटेक कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है. कैलिफोर्निया की कंपनी ऐंटीवायरल ड्रग रिसर्च कर रही थी जबकि मैरीलैंड जनवरी में वैक्सीन बनाने की का ऐलान किया था. Gilead Sciences Inc और Novavax Inc भी हैकर्स के निशाने पर हो सकती हैं. बीते दिनों अमेरिका ने रूस पर भी हैकिंग का आरोप लगाया था.