नई दिल्ली: चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है. एक तरह जहां चीन वस्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव को कम करने के लिए भारत के साथ बातचीत की मेज पर है वहीं चीन की LAC पर एक और नापाक हरकत सामने आई है. एलएसी के वेस्टर्न सेक्टर में स्थित लद्दाख में करीब तीन माह से चीनी सेना के साथ जारी टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है कि चीन ने अब उत्तराखंड में नया मोर्चा खोल दिया है. जानकारी के मुताबिक चीन ने पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) की एक बटालियन को लिपुलेख पास के करीब एलएसी की तरफ से भेज दिया है. इस बटालियन का मकसद पहले से ही तैनात जवानों को ताकत देना है. पिछले कुछ दिनों से लिपुलेख पास की तरफ लगातार हलचल बढ़ रही है.
चीन ने लिपुलेख पास में सेना (PLA)करीब 1 हजार जवानों की तैनाती की है. जवाब में भारतीय सेना ने भी 1 हजार जवान तैनात किए हैं. आपको बता दें कि नेपाल ने नए नक्शे में लिपुलेख को अपने क्षेत्र में दिखाया है. ये वही लिपुलेख पास है जिसे लेकर भारत और नेपाल के बीच तनाव देखा गया. नेपाल ने अपने नए नक्शे में इसे अपने क्षेत्र में दिखाया है. नेपाल के इस हरकत के पीछे अब चीन के सेना की तैनाती के बाद साफ हो गया है कि इसके पीछे चीन का ही हाथ था.
बताया जा रहा है कि चीन एलएसी के आसपास के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से चिढ़ा हुआा है. लिपुलेख पास, मानसरोवर यात्रा के रास्ते में पड़ता है. यह जगह पिछले कुछ माह से लगातार चर्चा में है क्योंकि यहां पर बन रही 80 किलोमीटर लंबी एक सड़क का विरोध ही नेपाल ने मई महीने में किया था. लिपुलेख पास का प्रयोग जून ने अक्टूबर माह तक भारत और चीन की सीमा पर रहने वाले स्थानीय लोग व्यापार के लिए करते हैं.
आपको बता दें कि लद्दाख के बाद चीन अब एलएसी के दूसरे जगहों पर भी अपने सेना की तैनाती बढ़ा रहा है. इसके अलावा नॉर्थ सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ गई हैं. इसके जवाब में भारत ने भी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर जवानों की तैनाती बढ़ा दी है.