नई दिल्ली: कहते है की इश्क़ और जंग में सब जायज़ है. इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला. दरअसल सीआईएसएफ के कमांडेंट ने राजस्थान कैडर की महिला आईएएस के पति को फंसाने के लिए रच डाली साजिश. और उस महिला के पति के कार में चरस रखकर पुलिस को सूचना दे दी. मगर आरोपी सच्चाई को ज्यादा दिन तक छुपा ना सका . लोधी कॉलोनी पुलिस ने सीआईएसएफ के कमांडेंट रंजन प्रताप सिंह (44) व उसके वकील साथी नीरज चौहान को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपी कमांडेंट ने महिला आईएएस के साथ मसूरी में फाउंडेशन कोर्स किया था. वह महिला आईएएस से बात करता था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिये दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. लोधी कॉलोनी पुलिस ने बृहस्पतिवार शाम को दोनों को कोर्ट में पेश कर कमांडेंट को एक दिन के रिमांड पर लिया है. नीरज चौहान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
दक्षिण जिला डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि सीआईएसएफ के डीआईजी को बुधवार शाम को सूचना मिली थी कि इलेक्ट्रॉनिक निकेतन, सीजीओ कांप्लेक्स में पार्क आई-20 कार में ड्रग्स रखी है. सीआईएसएफ स्टाफ ने वाहन मालिक को बुलाकर कार की तलाशी ली तो उसमें 550 ग्राम चरस मिली. कार राजस्थान कैडर की महिला आईएएस के पति अमित सावन की थी. आरोपी रंजन प्रताप ने पुलिस को ये बताया है कि वह आईएएस अफसर से बहुत पहले से प्यार करता है और इसलिए उसने महिला के पति को फंसाने के लिए यह साजिश रची.
अमित सावन केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय में कंसलटेंट (प्राइवेट) है और इलेक्ट्रॉनिक निकेतन में रहते हैं . बुधवार शाम करीब छह बजे इसकी सूचना लोधी कॉलोनी पुलिस को दी गई.
लोधी कॉलोनी पुलिस ने उस नंबर की जांच की जिससे सीआईएसएफ के डीआईजी के पास चरस रखने का फोन आया था. फोन महरौली निवासी व पकोड़े बेचने वाले व्यक्ति का था.
पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की तो पता लगा कि वह जब कटवारिया सराय में था तो एक व्यक्ति ने उसका मोबाइल लेकर फोन किया था. इसके बाद पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक निकेतन की सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो दो व्यक्ति संदिग्ध हालत में घूमते हुए दिखाई दिए.
सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के बाद पुलिस ने साकेत निवासी कमांडेंट रंजन प्रताप सिंह और उसके वकील साथी नीरज चौहान को गिरफ्तार कर लिया. दोनों ने आईएएस के पति की कार में चरस रखने की बात स्वीकार कर ली. आरोपी ने बताया वह महिला आईएएस से बदला लेना चाहता था. वह महिला आईएएस से मसूरी में फाउंडेशन कोर्स के दौरान मिला था.
इसके बाद दोनों की बात होने लग गई थी. पुलिस सूत्रों का कहना है कि महिला आईएएस कुछ दिनों से आरोपी का फोन नहीं उठा रही थी. इस बात से आरोपी नाराज हो गया था. आरोपी अपनी एसएक्स4 कार से चरस रखने गए थे. पुलिस ने इस कार को भीष्म पितामह मार्ग से बरामद कर लिया है.
अलीगढ़ से खरीदा गया था चरस
आरोपी सीआईएसएफ का कमांडेंट रंजन प्रताप सिंह मूलरूप से आईटीआई कॉलोनी अलीगढ़, यूपी का रहने वाला है. दिल्ली में वह साकेत में रहता है. वह अलीगढ़ से ही दस हजार रुपये में चरस खरीद कर लाया था. उसने अलीगढ़ में सलमान नाम व्यक्ति से चरस खरीदी थी.